महाराष्ट्र में लोकसभा चुनाव को लेकर महाविकास आघाड़ी नेताओं के बीच सीट बंटवारे को लेकर चर्चा चल रही है. इसी बीच उद्धव ठाकरे ने बड़ा फैसला लेते हुए राज्य की 18 सीटों पर अपने समन्वयकों को नियुक्त कर दिया है. जिसमें मुंबई की 4 सीटें भी शामिल हैं. उद्धव ठाकरे के इस कदम को इन सीटों पर पहले से दावे के रूप में देखा जा रहा है. ऐसे में अब अटकलों का बाजार भी गर्म हो गया है.
क्या इंडिया अलायंस से अलग होंगे उद्धव?
शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे के इस कदम को एक तरह से इंडिया अलायंस से अलग होने के कयासों को भी बल देते हुए देखा जा रहा है. अगर ऐसा होता है तो फिर महाराष्ट्र में भी इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका लग सकता है.
शिवसेना (उद्धव ठाकरे) गुट ने मुंबई साउथ, मुंबई साउथ सेंट्रल, मुंबई नॉर्थ वेस्ट और मुंबई नॉर्थ ईस्ट लोकसभा सीटों पर अपने इलेक्शन कोऑर्डिनेटर नियुक्त किए हैं. ऐसे में ये भी माना जा रहा है कि उद्धव ठाकरे अपने सहयोगियों एनसीपी और कांग्रेस के लिए सिर्फ 2 सीटें छोड़ने के मूड में हैं.
अगली बैठक 22 फरवरी को होने की उम्मीद है
गौरतलब है कि सीट शेयरिंग को लेकर एमवीए की आखिरी बैठक 2 फरवरी को हुई थी. इसी बैठक के बाद पूर्व सीएम अशोक चव्हाण ने कांग्रेस का साथ छोड़ दिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे. अशोक चव्हाण के रूप में कांग्रेस को लगे इस बड़े झटके के बाद कोई भी बातचीत एमवीए नेताओं के बीच नहीं हुई. पिछली बैठक में प्रकाश अंबेडकर की वंचित बहुजन आघाड़ी भी शामिल हुई थी. प्रकाश अंबेडकर ने बैठक में कहा था कि सीट शेयरिंग पर फैसला लेने से पहले एक कॉमन मिनिमम प्रोग्राम बनाने पर जोर दिया था. अब अगली बैठक 22 फरवरी को होने की उम्मीद है.
बता दें कि टूटने से पहले शिवसेना ने 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. जिसमें 48 सीटों में से 22 पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. और 18 सीटों पर जीत मिली थी. जिसमें 3 सीटें मुंबई की शामिल थी. वहीं 2022 में एकनाथ शिंदे ने 40 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी. जिसके बाद पार्टी पर दावे को लेकर लड़ाई शुरू हो गई थी. जिसमें चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मानते हुए पार्टी सिंबल और नाम का अधिकार दे दिया था.