लोजपा में दो फाड़, पशुपति पारस चुने गए पार्टी के नेता, चाचा को मनाने में जुटे चिराग…
बिहार में लोक जनशक्ति पार्टी के खिलाफ बगावत की खबरें आई हैं. दिवंगत नेता रामविलास पासवान के भाई और चिराग चाचा पशुपति पारस ने पांच सांसदों को पार्टी से तोड़कर LJP पर अपना अधिकार जताया है.
गौरतलब है कि पार्टी में कुल छह सांसद हैं जिनमे पांच ने चिराग के खिलाफ बगावत कर दी है. जिससे साफ होता है कि चिराग पासवान अब अलग थलग पड़ गए हैं. वहीं पशुपति कुमार पारस को सर्वसम्मति से लोकसभा में लोक जनशक्ति पार्टी (LJP) संसदीय दल का नेता चुना गया है.
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चिराग के कामकाज के तरीके से परेशान थे सांसद
बता दें कि बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ये सभी सांसद चिराग पासवान के कामकाज के तरीके से काफी परेशान थे. जानकारी के मुताबिक जिन लोगों ने लोजपा से किनारा किया है उसमे पशुपति पारस पासवान, प्रिंस राज, चंदन सिंह, वीणा देवी और महबूब अली केसर शामिल हैं. इससे पहले लोजपा ने विधानसभा चुनाव में केवल एक सीटी जीती थी जो बाद में में जेडीयू में शामिल हो गए थे.
सूत्रों की माने तो इस हलचल के बाद चाचा पशुपति पारस को मनाने के लिए चिराग पासवान उनके घर पहुंचे. रिपोर्ट के मुताबिक चिराग पासवान चाचा पारस के घर के बाहर 25 मिनट तक खड़े रहे तब जाकर उनके लिए दरवाजा खुला. दिल्ली में 12 जनपथ से चिराग पासवान अपने चाचा के घर पर पहुंचे, हालांकि बाद में वह वापस लौट गए.
पारस आए मीडिया के सामने
लोजपा (LJP) में फुट वाली ख़बरों के बीच चिराग के चाचा पशुपति पारस अब सामने आए और कहा हमारे सभी सांसद पार्टी को बचाना चाहते हैं. पशुपति पारस ने कहा कि हमारे भाई चले गए, हम अकेले महसूस कर रहे हैं.
हमने कभी भी पार्टी तोड़ने की बात नहीं की है. पशुपति ने कहा कि चिराग पासवान मेरा भतीजा और पार्टी का अध्यक्ष है और मेरी उनसे कोई खिलाफत नहीं है. उन्होंने आगे कहा कि हमारे पांच सांसदों ने लोक सभा अध्यक्ष को पत्र सौंपा है और जल्द ही हम उनसे मुलकात करेंगे. फिलहाल LJP सांसदों ने पशुपति पारस को अपना नेता चुना है, ऐसे में संसद में भी इसी प्रक्रिया को लागू करने के लिए ये मुलाकात हो रही है.
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