बाइक एजेंसी के नाम पर ठगी करनेवाले बिहार के सरगना समेत दो जालसाज गिरफ्तार

फर्जी वेबसाइट बनाकर वाराणसी के धीरेंद्र बहादुर सिसोदिया को लगा दिया था सवा पांच लाख का चूना

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वाराणसी के साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने फर्जी वेबसाइट बनाकर मोटरसाइकिल की एजेंसी/फेंचाइजी दिलाने के नाम पर 5 लाख 25 हजार 500 रूपये की ठगी करने वाले गिरोह के सरगना समेत दो अंतरराज्यीय ठगों को गिरफ्तार किया है. पकड़े गये ठगों में बिहार के नालंदा जिले के कतरीसराय के बरौठ के पंकज कुमार और भेदी गांव के सन्नी कुमार हैं. इनके पास तीन मोबाइल, कीपैड, फर्जी इनवाइस और अन्य कागजात बरामद हुए हैं.

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जनकारी के अनुसार पांच जून 2023 को कैंट थाना क्षेत्र के भोजूवीर निवासी धीरेंद्र बहादुर सिसोदिया ने साइबर क्राइम थाने में रिपोर्ट दर्ज करायी थी. बताया कि फर्जी वेबसाइट के जरिए जालसाजों ने रिबोल्ट मोटर्स की एजेंसी दिलाने का झांसा दिया और उनके 5 लाख 25 हजार 500 रूपये ठग लिये. धोखाधड़ी और 60 आईटी एक्ट के तहत मामले की रिपोर्ट दर्ज किये जाने के बाद पुलिस ने जांच शुरू की. इलेक्ट्रॉनिक सर्विलास और डिजिटल प्रूफ की जांच के बाद उनके लोकेशन के आधार पर दोनों अंतरराज्यीय ठगों को वाराणसी से गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस टीम ने उनके पास से फर्जी कागजात, मोबाइल फोन, इन्वाइस पेपर और नकदी बरामद किया है.

ऐसे करते हैं ठगी

पूछताछ में ठगों ने बताया कि वह वेब डवलपर के जरिए ब्रांडेड कम्पनियों के ओरिजनल वेबसाइट से मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बना लेते हैं. उस वेबसाइट को मेटा एड्स, गूगल एड्स और सोशल मीडिया एन्फुलेएंस के जरिए प्रमोट किया जाता है. इसके बाद फ्रेंचाइजी, एजेंसी की चाह रखनेवाले लोगों को इस लीड वेबसाइट के वेबमेल से प्राप्त होती जाती है. इसके बाद गिरोह के लोग प्राप्त डेटा का फिल्टर कर सम्बंधित व्यक्ति को फोन कर उसे अपनी बातों में उलझा लेते हैं. कूटरचित दस्तावेज भेजकर उन्हें झांसे में ले लिया जाता है. फिर रजिस्ट्रेशन फीस, सिक्योरिटी मनी आदि के नाम पर कम्पनी के फर्जी बैंक एकाउंट में रूपये मंगवा लेते हैं. इसके बाद अपने साथियों के जरिए एटीएम, सीएमपी आदि के माध्यम से रूपये निकाल कर गिरोह के लोग आपस में बांट लेते हैं.

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