ब्याज पर पैसे देते थे सुसाइड करने वाले आंध्र प्रदेश के दोनों भाई
फांसी लगाकर जान देने वाले दोनों भाई पी. लक्ष्मी नारायणन और वी.लोक विनोद आंध्र प्रदेश के नारायणपुर जिला वेस्ट गोदावरी में एक्वेरियम का व्यापार करते थे.
भेलूपुर स्थित राम तारक आंध्र आश्रम के दूसरे तल पर फांसी लगाकर जान देने वाले दोनों भाई पी. लक्ष्मी नारायणन और वी.लोक विनोद आंध्र प्रदेश के नारायणपुर जिला वेस्ट गोदावरी में एक्वेरियम का व्यापार करते थे. इसके आलावा वे पैसा ब्याज पर चलाते थे. 8 सितंबर को आश्रम के एक ही कमरे में दोनों ने फासी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. सूचना पाकर इन भाइयों के परिजन गुरुवार की देर शाम वाराणसी पहुंचे. उन्होंने जानकारी दी कि दोनों भाइयों के मां-बाप मर चुके हैं और उनकी एक छोटी बहन है जिसकी शादी हो चुकी है.
आंध्र आश्रम के ट्रस्टी बीबी सुंदरम शास्त्री ने वहां के रहने वाले लोगों की मदद से मृतकों के परिजनों को इसकी सूचना दिलवाई. जानकारी पाकर मृतकों का चचेरा भाई, मामा चार लोगों के साथ आंध्र आश्रम पहुंचे.
24 घंटे बाद परिजनों से हो सका संपर्क
मंदिर के व्यवस्थापक ने परिजनों के आने की सूचना पुलिस को दी. मौके पर पहुंची पुलिस ने परिजनों को घटनास्थल दिखाया और उनसे पूछताछ की. बाद में परुजन परिजन शिवपुर स्थित पोस्टमार्टम हाउस पहुंचे,जहां दोनों भाइयों के शवों का पोस्टमार्टम हुआ. परिजनों की इच्छा के अनुसार हरिश्चंद्र घाट पर दोनों भाइयों का अंतिम संस्कार भी कर दिया गया.
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7 सितंबर को परिजनों से बात किए थे दोनों भाई
मृतक के चचेरे भाई साइ प्रसाद ने पुलिस को पूछताछ में बताया कि दोनों ने 7 सितंबर को उससे फोन पर बात की थी. दोनों ने बताया था कि वे दिल्ली में हैं और 2-3 दिन में घर आ जाएंगे. गौरतलब है कि सुसाइड करने से पहले दोनों भाइयों अपने मोबाइल फोन के सिम फेंक दिए थे.
परिजनों की तलाश में पुलिस ने की काफी मशक्कत
भेलूपुर थाना प्रभारी विजय कुमार शुक्ला ने बताया कि मृतकों के परिजन को तलाश करने में इतना समय इसलिए लगा क्योंकि उन्होंने मृत भाइयों ने अपने मोबाइल फोन के सिम फेंक दिए थे. इसके अलावा उनके पास से कोई भी कांटेक्ट नंबर परिजनों का नहीं मिल था. इस मामले में आश्रम के ट्रस्टी द्वारा काफी मदद की गई और मृत भाइयों के आधार कार्ड के पते के आधार पर उन्होंने वहां के लगभग 30 से अधिक लोगों से संपर्क किया, तब जाकर उनके परिजनों का पता चला.
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उन्होंने बताया कि दोनों भाइयों के शवों का अंतिम संस्कार हरिश्चंद्र घाट पर किया गया. वैसे प्रारम्भिक जांच में दोनों भाइयों के आत्महत्या कि वजह पैसे का लेनदेन लग रहा है. फिलहाल और पूछताछ के लिए उनके परिजनों को पुनः बुलाया गया है.