मणिपुर में जनजातियों का नंगा नाच! मैतई समर्थित भीड़ ने महिलाओं को नग्न कर घुमाया

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घातक हिंसाओं में जल रहे मणिपुर में एक और मार्मिक घटना की तसवीर ने झकझोर दिया है। मणिपुर में दो महिलाओं को नग्न कर घुमाने का वीडियो वायरल हो रहा है। वीडियो में सैकड़ों की संख्या में युवक और अधेड़ दो नग्न महिलाओं के साथ अश्लील हरकतें भी कर रहे हैं। इस घटना की शर्मनाक तसवीर जैसे ही सोशल मीडिया छाई लोगों का आक्रोश देखने को मिल रहा है। इस निकृष्ट कृत्य के बाद किसी भी महिला का जीवन बर्बाद हो जाता है।

आरोपी पूरी भीड़ मगर एक की गिरफ्तारी

इस शर्मनाक अमानवीय घटना को अंजाम देने वाले मुख्य आरोपी खुयरूम हेरादास को पुलिस ने गिरफ्तारी कर लिया है। मगर यहां सवाल यह है कि क्या केवल एक व्यक्ति ही इस घटना का आरोपी है। वीडियो में जब यह दरिंदगी हो रही थी तब 1000 लोग पीछे शामिल होकर दरिंदों का साथ दे रहे थे। यहीं नहीं इस घटना में केवल एक व्यक्ति को गिरफ्तारी किया गया है। जबकि वीडियो में दो व्यक्ति महिलाओं के अंगों से छेड़छाड़ करते देखे गए।

पीएम मोदी ने कहा- पीड़ा में हूं

अब इस घटना पर पीएम मोदी ने भी बयान दिया है। पीएम मोदी ने इस घटना को शर्मनाक बताया। पीएम मोदी ने जनता को विश्वास दिलाया है कि इस घटना के किसी भी आरोपी को छोड़ा नहीं जाएगा। मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

पीएम मोदी मे कहा, इस घटना से 140 करोड़ देशवासी शर्मिंदा है। मेरा दिल पीड़ा और गुस्से से भरा है। मैं देशवासियों को विश्वास दिलाता हूं किसी भी दोषी को बक्शा नहीं जाएगा।

गैंगरेप के बाद भीड़ ने नग्न कर घुमाया

मानवता को शर्मसार करने वाली यह घटना 4 मई की बताई जा रही है। इस घटना को लेकर आईटीएलएफ ने दावा किया है कि आरोपियों ने महिलाओं के साथ पहले गैंगरेप किया फिर भीड़ के साथ महिलाओं को नग्न आस्था में ही घुमाया। आईटीएलएफ ने कहा है कि गैंगरेप की घटना राजधानी इंफाल से 35 किलोमीटर दूर कांगपोकपी इलाके में हुई। वीडियो में लोग बदसलूकी करते नजर आ रहे हैं और दोनों महिलाएं रहम के लिए गिड़गिड़ा रही हैं। पीड़ित महिलाएं कुकी जनजाति की हैं।

पहले लूटपात फिर महिलाओं से बदसलूकी

आईटीएलएफ ने केंद्र सरकार, राज्य सरकार, राष्ट्रीय महिला आयोग और नेशनल शिड्यूल ट्राइव्स कमीशन से इस मामले पर संज्ञान लेने और दोषियों को सजा देने की मांग की है। पेनोम गांव के मुखिया थांगबोई वेईफेई की शिकायत पर साइकुल पुलिस स्टेशन में इस मामले की रिपोर्ट दर्ज की गई है। शिकायत में कहा गया है कि
महिलाओं के साथ बदसलूकी घटना चार मई को दोपहर 3 बजे हुई। करीब 800 से 1000 लोग आधुनिक हथियारों एसएलआर, इनसास और 303 राइफल से लैस होकर गांव में धावा बोल दिया। हथियारबंद लोगों ने गांव में लूटपाट की और घरों में आग लगा दी। आरोप है कि महिलाओं के साथ बदसलूकी करने वाले लोग मैतेई समुदाय के जुड़े संगठनों मैतेई लिपुन, कांगलेइपाक कनबा लुप, आरामबाई तेंगई और वर्ल्ड मैतेई काउंसिस और शेड्यूल ट्राइब डिमांड कमेटी से जुड़े थे।

मैतई भीड़ ने महिलाओं को पुलिस से छीना था

हमले के दौरान तीन औरतें जान बचाने के लिए जंगल की तरफ भाग गईं थीं। बाद में उन्हें नोंगपोक सेकमाई पुलिस टीम ने बचाया था। जब उन्हें नोंगपोक सेकमाई पीएस ले जाया जा रहा था, तब भीड़ ने उन्हें पुलिस स्टेशन से लगभग 2 किमी दूर तौबुल के पास पुलिस टीम से छुड़ा लिया। आरोप है कि मैतई समर्थित भीड़ ने एक आदमी की जान ले ली और तीन महिलाओं को अपने कपड़े उतारने के लिए मजबूर किया। इसके बाद बाद भीड़ ने 19 साल की युवती से गैंगरेप किया। जब उसके भाई और एक परिचित ने रेप का विरोध किया तो भीड़ ने उनकी भी हत्या कर दी।

मैतई-कुकी की लड़ाई में नग्न कर दी गईं महिलाएं

गौरतलब है कि मणिपुर की आबादी में नगा-कुकी जनजाति की आबादी 40 फीसदी है। मैतई जनजाति की आबादी करीब 53 प्रतिशत है। कुकी जनजाति मातृ सत्तात्मक मानी जाती है। जनजाति की परंपरा के मुताबिक महिलाएं ही घर के फैसले लेती हैं। मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में जब प्रदर्शन शुरू हुए तो बड़ी संख्या में कुकी महिलाएं भी शामिल हुई थीं। इस कारण मैतेई दंगाइयों ने महिलाओं को निशाना बनाया। जिस तरह 800 से 1000 लोगों ने गांव में धावा बोला था। इसलिए महिलाओं को निर्वस्त्र कर उनका शोषण करने की घटना पहले से सुनियोजित मानी जा रही है।

मणिपुर में अब भी जारी हिंसा

मणिपुर में मैताई समुदाय और कुकी समाज के लोगों के बीच के विवाद के चलते अब केवल घर ही नहीं महिलाओ की आबरू भी जल रही है। मणिपुर में हिंसा की घटनाएं अब भी जारी है। मणिपुर हिंसा में अभी तक 160 लोगों की मौत हो चुकी है। आधिकारिक तौर पर अबतक 419 लोग घायल हुए हैं।

 

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