डिजिटल दुनिया में लेन-देन हुआ आसान, लेकिन जोखिम भी

बीएचयू में वित्तीय साक्षरता, आर्थिक सवालम्बन एवं सशक्तिकरण पर महिलाओं को दिया प्रशिक्षण

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काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के समन्वित ग्रामीण विकास केंद्र में शनिवार को वित्तीय साक्षरता पर कार्यशाला का आयोजन किया गया. वैधानिक विनियामक निकाय स्टॉक एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) द्वारा वित्तीय शिक्षा के प्रचार- प्रसार के लिए यह कार्यक्रम आयोजित किया गया. केंद्र मे सिलाई सीख रही बहनों एवं ग्रामीण प्रबंधन के छात्रों को पूंजी बाजार की जानकारी दी गई. इस कार्यक्रम में महिलाओं की भी भागीदारी रही. इस दौरान बचत, निवेश के तरीके, शेयर बाजार, निवेश के जोखिम, लाभ की संभावनाएं, साइबर अपराध, फ्रॉड वित्तीय स्कीम से बचाव, म्यूचूअल फंड में निवेश आदि के बारे में बताया गया.

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लेन-देन करते समय रहे सावधान, न करें किसी से ओटीपी शेयर

कार्यक्रम में कोर्स कोऑर्डिनेटर डॉ. आलोक कुमार पाण्डेय ने बताया कि डिजिटल क्रांति ने वित्तीय लेन-देन को आसान किया है. लेकिन लेनदेन करते समय बहुत ही सावधान रहने की जरूरत है. संकाय प्रमुख प्रोफेसर बिन्दा परांजपे ने सिलाई सीख रही महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने में केंद्र के योगदान को बताया. कहाकि अब आर्थिक निर्णय स्वयं परिवार के हित को ध्यान में रखकर लेना चाहिए. सेबी की अधिकारी मोनी साहू ने बचत के महत्व के बारे में बताया. दीपक कुमार ने म्यूचूअल फंड एवं साइबर अपराध, फ्रॉड वित्तीय योजनाओं की जानकारी दी. बताया कि यदि उनके साथ कभी कोई फ्रॉड होता है तो कैसे बचाव किया जाय और कहां शिकायत करें. अनिल नारायण दुबे ने बचत, निवेश के तरीके, शेयर बाजार, निवेश के जोखिम, लाभ की संभावनाओं की जानकारी दी. उन्होंने कहा कि यदि सही समय पर निवेश किया जाय तो हम एक अच्छी पूंजी बना सकते हैं. धन्यवाद ज्ञापन प्रोजेक्ट ऑफिसर डॉ. बी पी सिंह ने किया. साथ ही नसीहत भी दी कि वित्तीय लेनदेन करते समय ओटीपी को किसी भी व्यक्ति से शेयर न करें. कार्यक्रम में आरती विश्वकर्मा, अनिल कुमार भूषण, राजनाथ, रामजी पीयूष, विजय, सतीश, सुरेश आदि रहे.

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