आज एआईएमआईएम पार्टी के अध्यक्ष ओवैसी की कर्नाटक में रैली थी। आज रैली के दौरान ओवैसी भगवा रंग में रंगे नजर आए। हमेशा शेरवानी और टोपी में रहने वाले औवेसी के सर पर आज भगवा पगड़ी थी। वे रैली को संबोधित कर रहे थे। औवेसी को कर्नाटक रैली में बदले हुए अंदाज में नजर आये। कर्नाटक विधानसभा चुनाव नजदीक है और चुनाव की इस नजदीकियों ने राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ा दी है।
जेडीएस उम्मीदवार के समर्थन में वोट मांगते नजर आए
आमतौर पर सार्वजानिक रैलियों के दौरान ओवैसी को शेरवानी और सिर पर टोपी पहने देखा जाता है लेकिन इस बार उनका अंदाज बदला हुआ है। बेलगाम में औवेसी ने चुनावी रैली को संबोधित किया। यहां वो जेडीएस उम्मीदवार के समर्थन में वोट मांगते नजर आए। कर्नाटक में चुनाव के लिए हफ्तेभर से भी कम का वक्त बचा है, ऐसे में कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस तीनों ही दलों के नेता लगातार चुनावी रैलियां कर रहे हैं।
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आमतौर पर अपनी जनसभा में बीजेपी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधने वाले ओवैसी का नया अवतार चर्चा का विषय बन गया है और भगवा पगड़ी में उनकी फोटो सभी को चौकाने के लिए काफी है। कर्नाटक ने जिन इलाकों में मुस्लिम आबादी रहती है, वहां ओवैसी की रैलियां आयोजित कराई जा रही हैं.चुनावी रैलियों में ओवैसी के निशाने पर मुख्यतौर पर सत्ताधारी कांग्रेस है लेकिन साथ में वह केंद्र में सत्ताधारी बीजेपी पर भी निशाना साध रहे हैं।
चुनाव में अगर किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिलता तो देवगौड़ा की पार्टी जेडीएस किंगमेकर साबित हो सकती है क्योंकि तब किसी भी दल को बहुमत के लिए जेडीएस का ही साथ लेना पड़ेगा। चुनाव नतीजों के बाद सवाल यह भी है कि क्या जेडीएस बीजेपी के साथ जाकर सरकार बना सकते हैं। हालांकि इतिहास में पहले भी ऐसा हो चुका है।
तमाम ओपिनियन पोल कांग्रेस को राज्य चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरते हुए दिखा रहे हैं। ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम ने कर्नाटक चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। बीते माह पार्टी प्रमुख ने इसकी जानकारी देते हुए कहा कि अगर हम चुनाव में उतरते हैं तो सेक्युलर ताकतें कमजोर होंगी और कोई एक दिल इसका फायदा उठा लेगा।
चुनाव में जेडीएस को समर्थन करने का फैसला किया है
ओवैसी का मानना है कि बीजेपी-कांग्रेस दोनों की राष्ट्रीय दल पूरी तरह विफल साबित हुए हैं, इस वजह से उन्होंने चुनाव में जेडीएस को समर्थन करने का फैसला किया है।कर्नाटक की 224 विधानसभा सीटों पर 12 मई को वोटिंग होनी है और मतों की गणना 15 मई को होगी। इस चुनाव में मुख्य मुकाबला कांग्रेस, बीजेपी और जेडीएस के बीच है। कर्नाटक चुनाव को लेकर इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट्स के ओपिनियन पोल के मुताबिक कांग्रेस कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभर कर सामने आ रही है, लेकिन बहुमत के आंकड़े से वो दर्जन भर सीटों से पीछे रह जाएगी। वहीं बीजेपी के 78-86 सीटों के साथ दूसरे नंबर पर रहने की संभावना है। जबकि देवगौड़ा की जेडीएस राज्य में किंगमेकर की भूमिका में सामने आ सकती है।
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