तिरुपति लड्डू विवाद: आंध्र प्रदेश के डिप्टी सीएम का बड़ा ऐलान, 11 दिन उपवास रखकर करेंगे प्रायश्चित…

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तिरूपति लड्डू विवाद इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है. इसको लेकर रोजाना कोई न कोई बड़ी अपडेट सामने आ रही है. ऐसे में आज भी इस मामले को लेकर बड़ी बात सामने आई है,जिसमें आंध्रप्रदेश के डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने बड़ा ऐलान किया है. वह तिरूमाला लड्डू प्रसादम में अपवित्र पदार्थ पाए जाने के मामले में अब प्रायश्चित करने वाले हैं. इसके लिए वे 22 सितंबर से गुंटूर के नंबूर में श्री दशावतार वेंकटेश्वर स्वामी मंदिर में 11 दिवसीय ‘प्रायश्चित्त दीक्षा’ लेंगे. उन्होंने इस मामले पर कथित तौर पर प्रसादम के अपमान पर गहरा दुख जताया है. इसको लेकर पवन कल्याण ने कहा कि, पूर्ववर्तीय जगन मोहन रेड्डी की सरकार के दौरान हुई इस घटना से वह आहत महसूस कर रहे हैं.

एक्स पोस्ट में किया प्रायश्चित का ऐलान

पवन कल्याण ने इस मामले में प्रायश्चित करने के फैसले का ऐलान एक्स पोस्ट में किया है. इसमें उन्होंने लिखा है कि, ‘हमारी संस्कृति, आस्था, विश्वास और श्रद्धा की धर्मधुरी, श्री तिरुपति बालाजी धाम के प्रसाद में कुत्सित प्रयासों के तहत, जो अपवित्रता का संचार करने की कोशिश की गई, उससे मैं व्यक्तिगत स्तर पर अत्यंत मर्माहत हूं. और सच कहूं तो अंदर से अत्यंत छला गया महसूस कर रहा हूं. प्रभु वेंकटेश्वर से मेरी प्रार्थना है कि इस दुःख के क्षण में हमें और समस्त सनातनियों को अपनी अहैतुकी कृपा से सबलता प्रदान करें.’

इसके आगे उन्होने लिखा है कि, ‘मैं अभी इसी क्षण भगवन से क्षमा प्रार्थी हो प्रायश्चित दीक्षा के लिए प्रण सिद्ध कर रहा हूं और 11 दिवसीय उपवास हेतु धर्म संकल्पित हो रहा हूं. 11 दिवसीय, प्रायश्चित दीक्षा के उत्तरार्ध में, एक और दो अक्टूबर को मैं तिरुपति जाकर प्रभु के साक्षात दर्शन कर क्षमा प्रार्थी होकर विनती करूंगा और तब भगवन के समक्ष मेरे प्रायश्चित दीक्षा की पूर्णाहूति होगी.’ इससे पहले पवन कल्याण ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए ‘सनातन धर्म रक्षण बोर्ड’ के गठन की आवश्यकता पर जोर दिया था.

एसआईटी जांच की गई मांग


वहीं अब इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गयी है. इस याचिका में इस पूरे मामले की एसआईटी जांच कराएं जाने की मांग की गई है. यह याचिका हिन्दू संगठन हिन्दू सेना के अध्यक्ष सुरजीत सिंह यादव द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दायर की गई है. इससे पहले इसी मसले पर वकील सत्यम सिंह राजपूत ने एक पत्र याचिका भारत के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ को प्रेषित की थी. सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (तेदेपा) ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि गुजरात स्थित पशुधन प्रयोगशाला द्वारा मिलावट की पुष्टि की गई है.

रिपोर्ट में ये हुआ था खुलासा

दुनिया के सबसे अमीर मंदिरों में से एक तिरुपति बालाजी में करोड़ों हिंदुओं के धर्म को खंडित करने की कथित साजिश के खुलासे से हाहाकार मचा है. तिरुपति मंदिर में भक्तों को प्रसाद के रूप में दिए जाने वाले लड्डुओं में जानवरों की चर्बी और फिश ऑयल मिले होने की पुष्टि हुई है. इस घोषणा के बाद उत्तर से दक्षिण तक के लोग सन्न हैं. तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम मंदिर के निदेशक शामला राव ने भी कहा कि, ‘मंदिर की पवित्रता भंग हुई है, पिछली सरकार ने मिलावट की जांच के लिए कोई कदम नहीं उठाए थे. उन्होंने कहा कि प्रसाद में मिलावटी घी की एक बड़ी वजह उसका रेट भी है.

शामला राव ने कहा है कि, टेंडर में घी को खरीदने के लिए जो दाम रखे गए थे वे व्यवहारिक नहीं थे. कोई भी ये समझ सकता है कि भगवान को चढ़ने वाला शुद्ध घी 320 रुपये में नहीं मिल सकता है. इसके लिए कम से कम 500 रुपये प्रति किलो तो चुकाने ही होंगे. हमने इस पर काम शुरू किया और सारे सप्लायर्स को चेतावनी दी कि अगर मिलावटी घी सप्लाई किया गया तो हम आपको ब्लैक लिस्ट कर देंगे.’

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