तीन दिन बाद संकठा घाट पर तीसरे छात्र का मिला शव, परिवार में कोहराम
शनिवार की देररात सेल्फी लेने के दौरान गंगा में गिरी छात्रा को बचाने के प्रयास में डूबे ऋषि कुमार सिंह का शव मंगलवार को चौक थाना क्षेत्र में संकठा घाट किनारे उतराया मिला. चौक पुलिस ने लंका थाने की पुलिस से संपर्क करके परिजनों को शव के बाबत सूचना दी.
लंका थाना क्षेत्र के सामने घाट स्थित जजेज गेस्ट हाउस के पास शनिवार की देररात सेल्फी लेने के दौरान गंगा में गिरी छात्रा को बचाने के प्रयास में डूबे ऋषि कुमार सिंह का शव मंगलवार को चौक थाना क्षेत्र में संकठा घाट किनारे उतराया मिला. चौक पुलिस ने लंका थाने की पुलिस से संपर्क करके परिजनों को शव के बाबत सूचना दी. सूचना के बाद मौके पर पहुंचे परिजनों ने ऋषि कुमार सिंह पुत्र मनोज कुमार सिंह के शव की पहचान की. शव काफी फूल गया था. पुलिस शव को कब्जे में लेकर कार्रवाई में जुट गई है. वहीं शव मिलने के बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है.
रविवार की सुबह पकड़नी थी ट्रेन
बिहार के मातीहारी, चांदमारी निवासी वैभव सिंह जयपुर से लॉ की पढाई कर रहा था. इसी इलाके का ऋषि मोतीहारी के एमएस कालेज में बीए तृतीय वर्ष का छात्र था. पटना, बिहार के हिमालया कॉलेज से फिजियोथेरेपी का कोर्स कर रही सोना के साथ सभी पटना से ट्रेन से शनिवार रात 10 बजे PDDU नगर रेलवे स्टेशन पहुंचे थे.
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वहां से तीनों वैभव की दोस्त तनु के यहां सामने घाट स्थित कृष्णा नगर कॉलोनी के फ्लैट पर रूके. रविवार की सुबह वैभव को जयपुर जाने के लिए ट्रेन पकड़नी थी. नींद न लग जाए इसलिए खाना खाने के बाद देर रात तीनों गंगा किनारे टहलने चले गए थे.
क्या हुआ था घटना वाले दिन
तीनों लोग टहलते हुए सामने घाट पहुंचे. सोना, वैभव और ऋषि घाट पर बिना रेलिंग की फ्लोटिंग जेटी पर चले गए. इस बीच सेल्फी ले रही सोना पैर फिसलने से गंगा में गिर गई. उसे बचाने के लिए ऋषि गंगा में कूदा और तेज धारा में दोनों बहने लगे. यह देखकर वैभव ने भी छलांग लगा दी.
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सूचना पाकर लंका थाना प्रभारी शिवाकांत मिश्रा पहुंचे. NDRF और जल पुलिस को जानकारी दी. गोताखोरों ने थोड़ी ही देर में वैभव का शव बरामद कर लिया था.
वहीं, सोमवार को घटना वाली जगह से 6 किलोमीटर दूर नमो घाट पर सोना का भी शव उतराया मिला था.
इस साल कितने डुबे गंगा में
बनारस में कुल 84 घाट हैं. जबकि विभिन्न गंगा घाट में डूबने से इस साल जनवरी से अब तक 28 लोगों की मौत हो चुकी है. जल पुलिस प्रभारी मिथिलेश यादव ने बताया- गंगा का जलस्तर बढ़ने से सभी घाट के किनारे खतरनाक हो गए हैं.
पानी कहां कितना गहरा है, इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है. इसलिए जो भी लोग गंगा स्नान करने आएं, वह पूरी तरह से सतर्क रहें. सेल्फी लेने के चक्कर में जान से खिलवाड़ न करें.