विधायक पल्‍लवी पटेल के इस बयान से सियासी गलियारे में मचा घमासान

पल्लवी ने BJP के दलित -पछड़े नेताओं को बताया पंगु-

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यूपी: प्रदेश में आज शीतकालीन सत्र का आखिरी दिन है. सत्र में अनुपूरक बजट को लेकर चर्चा हो रही थी कि इसी बीच समाजवादी पार्टी समर्थित विधायक पल्लवी पटेल ने एक ऐसा बयान दिया जिसके बाद पूरे प्रदेश में धमासान सा मच गया है. आपको बता दें कि सदन में पल्ल्वी पटेल ने बीजेपी के दलित-पिछड़े विधायकों को पंगु बता दिया. पल्लवी पटेल ने जातिजनगणना के मुद्दे पर बहस करते हुए कहा कि अनुपूरक बजट में अन्य धर्मों की उपेक्षा की गयी है. उन्होंने सवाल किया कि भाजपा की नजरों में यूपी केवल हिंदुओं का प्रदेश है?.

पल्लवी ने BJP के दलित -पछड़े नेताओं को बताया पंगु-

शीतकालीन सत्र में पल्‍लवी इतने जोश में आ गयी कि उन्‍होंने भाजपा सरकार के दलित और पिछडी जाति से आने वाले विधायकों को पंगु बोल दिया, जिसके बाद से एकदम हंगामा मच गया. उन्होंने कहा कि बजट में जैन, सिख, बौद्ध आदि समुदायों को क्या दिया गया? नाथ समुदाय को भी कुछ नहीं मिला. गरीबों और पिछड़ों को भी दरकिनार किया गया. मैं जातिवार जनगणना के लिए निजी विधेयक लेकर आई हूं, जबकि यह आपको लाना चाहिए था क्योंकि पिछड़े और दलितों के नाम पर सत्ता लेकर आप बैठ हुए हैं. इनकी नुमाइंदगी करने वाले आपके सदस्य पंगु हैं.

सदन में पल्लवी के इस बयान के बाद भाजप के सभी विधायक उनसे माफी माँगने की बात कह रहे है. नेताओं का कहना है कि उन्होंने दलित, पिछड़े विधायकों को लेकर जो टिप्पणी की है वो निंदनीय है और इसके लिए पल्लवी पटेल को मांफी मांगनी चाहिए.

सरकार से मांगा जवाब…

पल्ल्वी पटेल ने कहा कि सरकार के द्वारा लाया गया अनुपूरक बजट सिर्फ नाम का है. हम सभी लोग चर्चा करना चाहते हैं लेकिन लोग नहीं चाहते कि सदन में चर्चा हो इसलिए सदन छोटा रखा है. उन्होंने कहा कि इस बजट में जैन, सिख, गुरुद्वारों, बौद्ध, बौद्ध मठों और नाथ सम्प्रदाय को क्या दिया है क्या यह धर्म स्थल और इन धर्मो में आस्था रखने वालो की आस्था नहीं है?.

पिछड़े-दलितों के नाम पर सत्ता-

पल्लवी पटेल ने आगे कहा कि यूपी की बहुसंख्यक आबादी इस देश के दलित और पिछड़ाें ने बनाई है. इनके हक और अधिकारों की चर्चा इस सदन में प्राथमिकता के आधार पर होनी चाहिए. विधायक ने कहा कि यूपी में जातिवार जनगणना के लिए मैंने अपना निजी विधेयक प्रस्तुत किया है. ये विधेयक बीजेपी विधायकों के द्वारा प्रस्तुत होना चाहिए था. क्योंकि यूपी में पिछड़ों और दलितों के नाम पर सत्ता लेकर यह बैठे हुए हैं.

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सपा को लेना चाहिए संज्ञान-

कौशल विकास मंत्री कपिलदेव अग्रवाल ने कहा कि विधायक ने जातिगत टिप्पणी की और विधायकों को लेकर बहुत खराब शब्दों का इस्तेमाल किया है. कपिलदेव अग्रवाल ने कहा कि एक महिला विधायक होकर इस प्रकार का काम करना यह बहुत ही निंदनीय है. सपा विधायक को ऐसा नहीं करना चाहिए था, सपा को इस मामले का संज्ञान लेना चाहिए. इसके साथ ही मंत्री ने कहा कि सदन में और सड़क पर बोलने में बड़ा फर्क है. सदन एक मर्यादित जगह है. देश और दुनिया के लोग इसे देखते हैं. एक एक शब्द का महत्व होता है, एक एक शब्द लिखा जाता है. इसलिए इस टिप्पणी पर हमें घोर आपत्ति है.

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