सुप्रीम कोर्ट ने धार्मिक स्थलों के मामले में दिया ये आदेश

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सुप्रीम कोर्ट(SC) का यह आदेश सभी मंदिरों, मस्जिद, चर्च और दूसरे धार्मिक चैरिटेबल संस्थाओं पर लागू होगा। जिला जजों की रिपोर्ट को पीआईएल की तरह ही माना जाएगा, जिनके आधार पर हाई कोर्ट उचित फैसला ले सकेंगे। जस्टिस आदर्श गोयल (सेवानिवृत हो चुके हैं अब) और जस्टिस अब्दुल नजीर ने पिछले महीने ही यह महत्वपूर्ण आदेश दिया था।

यह कोर्ट के लिए भी विचार करने योग्य मुद्दा है

बेंच ने अपने महत्वपूर्ण फैसले में कहा, ‘धार्मिक स्थलों पर आनेवाले लोगों की समस्याओं को देखते हुए, मैनेजमेंट में कमी, साफ-सफाई, संपत्ति की रखवाली और दान या चढ़ावे की रकम का सही प्रकार से प्रयोग ऐसे मुद्दे हैं जिन पर सिर्फ राज्य या केंद्र सरकार को ही नहीं सोचना है। यह कोर्ट के लिए भी विचार करने योग्य मुद्दा है।’

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कोर्ट ने स्वत: संज्ञान भारत में मौजूद धार्मिक स्थलों की संख्या के आधार पर लिया। देश में इस वक्त 20 लाख से अधिक मंदिर, तीन लाख मस्जिद और हजारों चर्च हैं। हालांकि, इस आदेश के बाद यह स्पष्ट है कि न्यायपालिका पर अतिरिक्त दबाव बढ़नेवाला है।

तमिलनाडु में ही 7000 से अधिक प्राचीन मंदिर हैं

इस वक्त देश में 3 करोड़ के करीब पेंडिंग केस हैं और हाई कोर्ट और जिला अदालतों में बड़ी संख्या में पद रिक्त हैं। एमिकस क्यूरी गोपाल सुब्रमण्यम ने कोर्ट को जानकारी दी है कि सिर्फ तमिलनाडु में ही 7000 से अधिक प्राचीन मंदिर हैं।साभार

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