योगी सरकार कोरोना संक्रमण से प्रदेश को मुक्त कराने के लिए हर संभव उपाय कर रही है. अस्पतालों में बेड से लेकर आक्सीजन और जीवन रक्षक दवाओं की आपूर्ति की समीक्षा खुद सीएम योगी आदित्यनाथ कर रहे हैं. प्रदेश की जनता को कोरोना संक्रमण से मुक्त कराने के लिए योगी सरकार ने एक नई पहल की है. जी हां कोविड मरीजों के लिए कामयाब मानी जा रही जायडस कैडिला कम्पनी की नई दवा ‘विराफीन’ प्रदेश के तीन जिलों में जल्द ही मुहैया हो जाएगी. इस दवा के उपलब्ध हो जाने से कोरोना मरीजों को खासी राहत पहुंचायी जा सकेगी.
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लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी को मिलेगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ कोविड प्रबंधन के लिए राज्य स्तर पर गठित टीम-11 के साथ हुई मीटिंग में कहा कि कोरोना संक्रमण के बीच हमारे चिकित्सा वैज्ञानिक दवाओं के नवीन विकल्पों की खोज में भी लगे हुए हैं. हाल ही में जायडस कैडिला कम्पनी की एक नई दवा को भारत सरकार के ड्रग कंट्रोलर ने कोविड मरीजों के उपयोगार्थ स्वीकृति दी है. इसे लखनऊ, प्रयागराज और वाराणसी जिलों के लिए उपलब्ध कराया जाए. माना जा रहा है कि अगले कुछ दिनों में इन तीनों जिलों के एक-एक कोविड अस्पताल में यह नई दवा उपलब्ध होगी. कोरोना सक्रमण से निजात के लिए इस दवा को काफी कारगर माना जा रहा है.
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इसके अलावा कोरोना मरीजों के इलाज में उपयोगी मानी जा रही दवाओं, ऑक्सीजन तथा अन्य आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की निर्बाध सप्लाई को सुनिश्चित करने तथा उनके प्रभावी प्रबंधन के लिए केन्द्र सरकार ने कई कदम उठाए हैं. इस क्रम में जीवनरक्षक मानी जा रही रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की आपूर्ति भी बढ़ाई जा रही है। केंद्र सरकार ने 30 अप्रैल तक के लिए यूपी को रेमेडेसीवीर के 1,61,000 वॉयल का आवंटन किया है. इससे पहले इस अवधि तक के लिए यूपी को करीब 1,22000वॉयल का आवंटन किया गया था. सीएम योगी ने आवंटन बढ़ाने पर संतोष जताते हुए कहा कि रेमेडेसीवीर जैसी जीवनरक्षक दवा की आपूर्ति प्रदेश में सुचारु है. हर दिन लगभग 18,000-20,000 वॉयल प्रदेश को प्राप्त हो रही है. उन्होंने निर्देश दिए कि विभिन्न दवा निर्माता कम्पनियों से सीधे संवाद स्थापित करते हुए इस जीवनरक्षक मानी जा रही दवा की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित कराई जाए. इसके साथ ही, सीएम योगी ने कहा है कि सरकार के किसी भी डेडिकेटेड कोविड हॉस्पिटल में रेमेडेसीवीर इंजेक्शन की कमी नहीं है.सरकारी अस्पतालों में मरीजों को यह निःशुल्क उपलब्ध कराई जा रही है. उन्होंने निर्देश दिए हैं कि यदि किसी निजी अस्पताल में रेमेडेसीवीर की आवश्यकता है तो उसे भारत सरकार द्वारा अनुमन्य दरों पर मुहैया कराई जाएगी. रेमेडेसीवीर दवा के वितरण व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए
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