भारतीय क्रिकेट इतिहास में आज का दिन काफी यादगार है। आज ही के दिन 14 साल पहले 24 सितंबर 2007 को महेंद्र सिंह धोनी की अगुवाई में भारतीय क्रिकेट टीम ने टी-20 विश्व कप की ट्रॉफी उठाई थी। महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में युवा भारतीय टीम ने भारत ने खिताबी मुकाबले में पाकिस्तान को शिकस्त दी थी। 24 सितंबर 2007 को टी-20 विश्व के फाइनल में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। भारत की तरफ गौतम गंभीर ने 54 गेंदों में 8 चौके और दो छक्के जड़कर 75 रन की पारी खेली। उनके अलावा रोहित शर्मा ने 16 गेंदों में 30 रन की तूफानी पारी खेली। भारतीय टीम ने इस मैच में पहले बल्लेबाजी करते हुए निर्धारित 20 ओवर में 5 विकेट खोकर 157 रन बनाए।
पाकिस्तान की खराब शुरुआत:
157 रन को डिफेंड करने उतरी टीम इंडिया के दो गेंदबाजों ने शानदार प्रदर्शन करते हुए पाकिस्तान की शुरुआत खराब कर दी। इरफान पठान और आरपी सिंह ने 3-3 विकेट लेकर जीत की कहानी लिख दी थी। पाकिस्तान के 77 रन पर 6 विकेट गिर चुके थे। लेकिन मिस्बाह उल हक ने एक छोर संभाले रखा। पाकिस्तान को आखिरी 5 ओवरों में जीतने के लिए 59 रन चाहिए थे। 17 वें ओवर में हरभजन सिंह के ओवर में मिस्बाह ने तीन छक्के जड़कर भारत की परेशानी बढ़ा दी। पाकिस्तान को आखिरी 12 गेंदों में 20 रन की जरूरत थी। 19 वें ओवर में भारतीय तेज गेंदबाज आरपी सिंह ने 7 रन देकर एक विकेट लिया। आखिरी ओवर में पाकिस्तान को पहला टी-20 टाइटल जीतने के लिए 13 रन चाहिए थे। भारतीय कप्तान धोनी ने युवा गेंदबाज जोगिंदर शर्मा को गेंद थमा दी।
चाहिए थे 4 गेदों में 7 रन:
ऐसा कोई क्रिकेट का फैन नहीं होगा जो मैच के आखिरी ओवर को भूल सकता है। आखिरी ओवर में जीत के लिए पाकिस्तान को 13 रन की जरूरत थी। पाकिस्तान के नौ बल्लेबाज पवेलियन लौट चुके थे। आखिरी ओवर में सामने बल्लेबाजी पर पाकिस्तान के धुरंधर मिस्बाह थे और गेंदबाजी की जिम्मेदारी युवा जोगिंदर शर्मा पर थी।
पहली गेंद- दबाव में दिख रहे जोगिंदर शर्मा ने पहली गेंद वाइड फेंकी। अब पाकिस्तान को जीत के लिए 6 गेंदों में 12 रन चाहिए थे। जोगिंदर शर्मा ने वाइड गेंद के बाद फिर गेंद फेंकी। मिस्बाह रन बनाने से चूक गए। अब पाकिस्तान को जीत के लिए 5 गेंदों में 12 रन चाहिए थे।
दूसरी गेंद- जोगिंदर ने गेंद फेंकी और मिस्बाह ने फुलटॉस पर छक्का जड़ दिया। अब पाकिस्तान को चार गेंदों में 6 रन चाहिए थे।
तीसरी गेंद- मिस्बाह ने इस गेंद को स्कूप शॉट खेला, गेंद हवा में काफी उपर गई। लेकिन जब गेंद श्रीसंत के हाथों में आई तो भारतीय दर्शक खुशी से झूम रहे थे। मिस्बाह ऑउट हो गए। भारत ने मैच पांच रनों से जीतकर पहला टी-20 विश्वकप खिताब अपने नाम कर लिया।
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