केवल एक दिन के लिए भारत की राजधानी बना था यह शहर, जानें इतिहास…

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भारत का इतिहास काफी विख्यात रहा है। शायद ही कोई देश होगा जिसका इतिहास ऐसा हो। सोने की चिड़िया के नाम से पूरी दुनिया में मशहूर भारत की राजधानी का इतिहास भी बेहद अनूठा है।

पहले इसकी राजधानी कोलकाता थी। फिर 13 फरवरी 1931 को दिल्ली को भारत की राजधानी के तौर पर मान्यता मिली। लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्रयागराज (इलाहाबाद) भी कभी भारत की राजधानी रही है।

एक दिन के लिए बनी राजधानी-

1858 में प्रयागराज (इलाहाबाद) को एक दिन की अवधि के लिए भारत की राजधानी माना जाता था क्योंकि ईस्ट इंडिया कंपनी ने शहर में ब्रिटिश राजशाही को राष्ट्र का प्रशासन सौंप दिया था। उस समय, इलाहाबाद उत्तर-पश्चिमी प्रांतों की राजधानी भी था।

इलाहाबाद को 1858 में एक दिन के लिए ब्रिटिश भारत की राजधानी के रूप में मान्यता दी गई क्योंकि ईस्ट इंडिया कंपनी ने शहर में आधिकारिक तौर पर भारत को ब्रिटिश सरकार को सौंप दिया था।

कोलकाता से दिल्ली बनी राजधानी-

1911 में अंग्रेजों ने राजधानी को कलकत्ता से दिल्ली को कर दिया गया। 1911 तक कलकत्ता भारत की राजधानी बना रहा। दिल्ली को राजधानी बनाने की घोषणा जॉर्ज पंचम ने 11 दिसंबर 1911 को हुए दिल्ली दरबार में की थी।

दिल्ली का राजधानी के रूप में सफर 13 फरवरी 1931 को ही शुरू हुआ था। 1911 में कलकत्ता (अब कोलकाता) से बदलकर दिल्ली को ब्रिटिश भारत की राजधानी बनाया गया था। इस घोषणा ने देश को चकित कर दिया था। हालांकि कहीं न कहीं इस फैसले का अंदाजा पहले से था।

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