”जय फिलिस्तीन विवाद” के बाद लोकसभा के नियम में यह किया गया बदलाव…
24 जून से शुरू हुई 18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र के दौरान नवनिर्वाचित सांसदों ने काफी गर्मजोशी शपथ ग्रहण किया. उस दौरान जोश से भरे कई सांसदों ने शपथ ग्रहण के पश्चात ‘जय भीम, जय तेलंगाना, जय श्रीराम समेत कई नारों के साथ अपना शपथ ग्रहण सम्पन्न किया था. लेकिन उसी दौरान आईएमआईएम के अध्यक्ष असदुद्दीन औवैसी को जब शपथ ग्रहण के लिए आमंत्रित किया गया था तो वे गर्मजोशी में होश खो बैठे और संसद में ‘जय फिलिस्तीन’ के नारे का उद्घोष करने लगे.
इसके बाद उनके इस नारे पर मौजूदा सांसदों और आम जन ने जमकर विरोध जताया जिसके चलते यह नारा धीमे – धीमे विवाद का रूप लेने लगा. ऐसे में इस विवाद को बढता देख लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने लोकसभा में बड़ा फैसला लिया है. उन्होंने सांसदों के शपथ ग्रहण के नियम में बदलाव करते हुए इसे और सख्त बना दिया है.
क्या है शपथ के नए नियम ?
संसद में सांसदों के शपथ ग्रहण के नए नियमों के अनुसार, भविष्य में शपथ लेने वाले चुने गए सांसदों को अब संविधान में दी गई शपथ के प्रारूप के अनुसार ही शपथ लेनी होगी. सांसद अब शपथ लेते समय नारे नहीं लगा पाएंगे या कोई अतिरिक्त वाक्य जोड़ पाएंगे. लोकसभा अध्यक्ष के निर्देशानुसार, लोकसभा में प्रक्रिया और कार्य संचालन के नियमों के नियम 389 में बदलाव किया गया है, जो 17वें संस्करण में है.
नियम 389 के निर्देश-1 में खंड-2 के बाद अब खंड-3 को भी जोड़ दिया गया है. इसके अनुसार, भारत के संविधान की तीसरी अनुसूची में इस उद्देश्य के लिए निर्धारित पत्र के अनुसार ही एक सदस्य शपथ लेगा और उस पर हस्ताक्षर करेगा. वहीं शपथ के साथ या बाद में किसी उपसर्ग और प्रत्यय के रूप में कोई टिप्पणी, वाक्य या अभिव्यक्ति का उपयोग करने पर रोक लगाई गई है.
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क्या था जय फिलिस्तीन का पूरा मामला ?
गौरतलब है कि 18वीं लोकसभा के पहले संसद सत्र में शपथ ग्रहण कार्यक्रम के दौरान असदुद्दीन ओवैसी ने दूसरे दिन शपथ ग्रहण के पश्चात ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया था. जिसपर बाकी सांसदों विरोध के साथ आपत्ति जतायी थी. वहीं शपथ लेने के बाद राहुल गांधी ने ‘जय हिंद’ और ‘जय संविधान’ का नारा लगाया था. इसके अलावा बरेली से बीजेपी सांसद छत्रपाल गंगवार ने भी ‘हिंदू राष्ट्र की जय’ का नारा लगाया था. जबकि समाजवादी पार्टी के सांसद अवधेश राय ने शपथ ली, तो लोगों ने ‘जय अयोध्या’ और ‘जय अवधेश’ के नारे लगाए थे. वहीं मथुरा से सांसद और अभिनेत्री हेमा मालिनी ने ‘राधे-राधे’ का नारा लगाया था. इन नारों को लेकर आरोप लगाया गया था कि, सांसदों ने शपथ ग्रहण करते हुए अपने-अपने सियासी संदेश का प्रचार कर रहे हैं.