पेट में न हो कीड़े… बच्चों को खिलाई गई दवा …

कृमि दिवस पर सैकड़ो बच्चों को घर-घर पहुंचकर खिलाई जा रही है दवा

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वाराणसी: पेट में कीड़े होने से बच्चे कुपोषित हो जाते हैं. उनमें खून की कमी (एनीमिया) हो जाती है, जिसके कारण बच्चे कमजोर होने लगते हैं. उनके बेहतर स्वास्थ्य के लिए कृमि से छुटकारा जरूरी है. यह तभी संभव है जब बच्चों, किशोर-किशोरियों को समय से कृमि मुक्ति की दवा खिलाई जाए. खेलकूद के लिए बेहतर स्वास्थ्य होना बहुत जरूरी है. अभिभावकों को चाहिए कि बच्चों को इस परेशानी से बचाने के लिए कीड़े निकालने की दवा उन्हें जरूर खिलाएं.
उक्त बातें काशी में शनिवार को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम का उदघाटन करते हुए मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने की. इसके बाद सभी स्वास्थ्य केंद्रो पर कृमि की दवा बच्चों में वितरित की जा रही है.
 इसी क्रम में सुसूवाही कर्मनबीर स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर में भी पार्षद सुरेश कुमार उर्फ गुड्डू पटेल और डॉ अनामिका लखन प्रभारी चिकित्सा अधिकारी द्वारा कार्यक्रम का शुभारंभ बच्चों को कीड़े निकालने की दवा (एल्बेण्डाजोल) खिलाकर किया गया. कार्यक्रम के दौरान काफी संख्या में क्षेत्रीय लोग उपस्थित रहे.

बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता व साफ- सफाई जरूरी 

सुसूवाही के पार्षद सुरेश कुमार उर्फ गुड्डू पटेल कहा कि सेहतमंद भविष्य और बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वच्छता व साफ- सफाई के साथ शिक्षा और खेल भी बहुत जरूरी है. काशी में शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल, संस्कृति और स्वच्छता पर पूरा ज़ोर दिया जा रहा है. काशी के विकास के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. उन्होंने केंद्र पर पहुंच रहे माता-पिता और बच्चों से अपील कर रहे थे कि कि पेट में कीड़े, खुले में शौंच करने से, बिना हाथ धोये खाना खाने से, नाखूनों के न कटे होने से और साफ-सफाई न रखने से होते हैं. इसके लिए सभी को शौच के बाद एवं खाना खाने से पहले अच्छी तरह हाथ धोना चाहिए. नाखूनों को साफ रखना चाहिए. उन्होंने कहा कि पेट के कीड़ों से बचाव के लिए एक से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों को दवा खिलाई जा रही है, जिससे उनको कृमि से राहत मिल सके और शारीरिक एवं बौद्धिक विकास निरंतर होता रहे. यह गोली हर छः माह में एक बार खिलाई जाती है.

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12 लाख बच्चों व किशोरों को खिलाई गई दवा

सीएमओ ने कहा कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस हर वर्ष 10 अगस्त को मनाया जाता है. बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस पर शनिवार को जनपद में करीब 12 लाख बच्चों व किशोरों को दवा खिलाई गई. जो बच्चे दिवस पर दवा खाने से छूट गये हैं, उन बच्चों के लिए 14 अगस्त को मॉप अप राउंड आयोजित होगा. इसमें छूटे हुए सभी बच्चों को भी दवा से आच्छादित कर लक्ष्य को शत-प्रतिशत पूरा करने का प्रयास किया जाएगा. हम लोग आंगनबाड़ी आशा बहू के द्वारा विद्यालय आशाबाड़ी केंद्र तथा लोगों को घर-घर जाकर बच्चों को दवा खिलाने का कार्य किया जा रहा है.

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कृमि संक्रमण के लक्षण-

दस्त, पेट में दर्द, कमजोरी, उल्टी और भूख न लगना कृमि संक्रमण के लक्षण हो सकते हैं .
बच्चे के पेट में कीड़े की मात्रा जितनी अधिक होगी, संक्रमित व्यक्ति के लक्षण उतने ही अधिक होंगे.
हल्के संक्रमण वाले बच्चों में आमतौर पर कोई लक्षण नहीं दिखते हैं.
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