पश्चिम बंगाल पंचायत चुनाव में कई जगह झड़प, 20 घायल

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पश्चिम बंगाल में किये गए सुरक्षा इंतजाम के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। कई इलाकों में हिंसा और झड़प की खबरें आ रही हैं। पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनाव के लिए जारी वोटिंग के लिए किए गए सुरक्षा इंतजामों की पोल खुलने लगी है। कई जगहों से मतदान के दौरान हिंसा की खबरें आने लगी हैं। अलग-अलग स्थानों पर हुई झड़पों में 20 से अधिक लोग घायल हो गए हैं।

तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगाया है

तो दूसरी तरफ सामने आए एक विडियो में कथित तृणमूल कांग्रेस कार्यकर्ता एक पोलिंग बूथ के बाहर लोगों को वोट डालने जाने से रोकते हुए दिख रहे हैं और भांगर में टीएमसी पर बूथ कैप्चरिंग के आरोप लगे हैं।बंगाल के कूचबिहार में दो गुटों के बीच झड़प में करीब 20 लोगों के घायल होने की खबर है। घायलों ने उन पर हमला करने का आरोप तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं पर लगाया है। उन्होंने बताया, ‘हम वहां वोट करने गए थे लेकिन टीएमसी के लोगों ने लाठियों से हम पर हमला कर दिया।’ सभी घायलों को एमजेएन अस्पताल में इलाज के लिए भर्ती कराया गया है।

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कूचबिहार के ही बूथ नंबर 8/12 में पुलिस के सामने ममता सरकार में मंत्री रबींद्रनाथ घोष ने एक भारतीय जनता पार्टी समर्थक को थप्पड़ जड़ दिया। यही नहीं, वहां मौजूद घोष के समर्थकों की भीड़ और एक पुलिसकर्मी ने सुजीत कुमार दास नाम के समर्थक को बाहर किया। घटना का विडियो सामने आने से घोष पर सवाल किए जा रहे हैं। बताया जा रहा है कि घोष बूथ पर वोट डालने नहीं गए थे क्योंकि वह उस इलाके के निवासी भी नहीं हैं। ऐसे में उनकी वहां मौजूदगी और एक व्यक्ति को मारने को लेकर वह सवालों के घेरे में हैं। बिलकांडा में बीजेपी उम्मीदवार राजू बिस्वास पर कथित टीएमसी कार्यकर्ताओं ने चाकू से हमला कर दिया। हमले में वह गंभीर रूप से घायल हो गए।

हिस्सों में हिंसा की घटनाएं सामने आ रही थीं

उन्हें फौरन पानीहाटी स्टेट जनरल अस्पताल ले जाया गया जहां उसका इलाज चल रहा है। उधर, उत्तरी 24 परगना में चुनाव से पहले शनिवार को कम्यूनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) के एक कार्यकर्ता और उसकी पत्नी को जलाकर मार डालने की घटना भी सामने आई है। बताया गया है कि उनके घर को आग लगा दी गई थी जिसमें दोनों की मौत हो गई। पार्टी ने घटना के लिए टीएमसी कार्यकर्ताओं को जिम्मेदार ठहराया है। गौरतलब है कि चुनाव के लिए नामांकन के समय से ही राज्य का अलग-अलग हिस्सों में हिंसा की घटनाएं सामने आ रही थीं। इसके मद्देनजर चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए है और असम, ओडिशा, सिक्किम और आंध्र प्रदेश से लगभग 1,500 सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है।

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