यहां तैयार हुआ दुनिया का पहला 3D प्रिंटेड मंदिर…
जानें किन खासियतों और सुविधाओं से लैस है मंदिर
भारत ने दुनिया का पहला 3डी प्रिंटेड मंदिर बनाकर इतिहास रचा है, यह मंदिर तेलंगाना में बनकर तैयार हुआ है. इस मंदिर का निर्माण सिद्दीपेटी के बुरूगुपल्ली में अप्सुजा इंफ्राटेक ने 3,800 वर्ग फुट में कराया है. बताया जा रहा है कि, इस मंदिर के निर्माण कार्य में तकरीबन साढे पांच महीने का समय लगा. इस परियोजना के लिए Apsouza Infratech ने 3D प्रिंटेड कंस्ट्रक्शन कंपनी सिंप्लीफोर्ज क्रिएशन्स को नियुक्त किया था, मार्च में, सिंप्लीफॉर्ज क्रिएशन्स ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान, हैदराबाद के साथ मिलकर भारत का पहला प्रोटोटाइप ब्रिज दो घंटे से भी कम समय में बनाया था. इसके साथ आइए जानते है किन – किन खासियतों से लैस है दुनिया का यह पहला 3डी प्रिंटेड मंदिर ……
3,800 वर्ग में तैयार किया गया है मंदिर
इस 3डी प्रिंटेड मंदिर का निर्माण एक चरविथा मीडोज समुदाय के एक गेटेड विला में किया गया है, इस मंदिर को तकरीबन 3,800 वर्ग फुट की जमीन पर बनाया गया है, मंदिर बनकर तैयार हो गया है, हालांकि, इस मंदिर की चर्चा कई महिनों पहले से चल रही है.
मंदिर में है तीन गर्भगृह
मंदिर की डिजाइन में भगवान गणेश के लिए एक मोदक, भगवान शंकर के लिए एक शिवालय और देवी पार्वती के लिए एक कमल के आकार का घर है. तीन गोपुरम (शिखर) और तीन गर्भगृहों को इन-हाउस विकसित प्रणाली और स्वदेशी सामग्री और सॉफ्टवेयर की मदद से रोबोटिक्स 3 डी प्रिंटिंग सुविधा का उपयोग करके लगभग 70 से 90 दिनों में ऑन-साइट 3 डी प्रिंट किया गया. शेष संरचनाएं, जैसे खंभे, स्लैब और फर्श, पारंपरिक निर्माण तकनीकों का उपयोग करके बनाई गई हैं, सिंप्लीफोर्ज के मुख्य परिचालन अधिकारी अमित घुले ने कहा कि यह दुनिया में पहला 3 डी मुद्रित मंदिर है और भारत में भी पहला है.
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जानिए आखिर क्या होती है 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी
यह एक कंप्यूटर निर्मित टेक्नोलॉजी डिजाइन है, इसका उपयोग लेयर-टू-लेयर, त्रि-डायमेंशनल डिज़ाइन बनाने में किया जाता है. इस मंदिर को पूरे तरीके से 3D प्रिंटर से के तौर पर तैयार किया गया है, इसलिए यह मंदिर बाकी मंदिरों से अलग होगा. इस तकनीक से समय की बचत होती है और निर्माण के दौरान पर्यावरण पर पड़ने वाले बुरे प्रभाव कम होते हैं.