हकीकत की धरातल पर आधारित फिल्मों पर विरोध होना, अब आम सी बात हो गई है। चाहें फिल्म किसी भी पृष्ठभूमि को प्रदर्शित क्यों न कर रही हो। फिल्म द कश्मीर फाइल्स पर मचे घमासान के बाद पठान और अब केरल की पृष्ठभूमि पर बनी फिल्म ‘दे केरला स्टोरी’ ने राजनीति में हलचल मचा दी है। यह फिल्म हिंदू लड़कियों के धर्मांतरण पर केंद्रित है। जिससे राजनीतिक गलियारे में तूफान उठ रहा है। पंश्चिम बंगाल में ममता बैनर्जी ने इस फिल्म पर बैन लगा दिया है। तो वहीं भाजपा सरकार के स्टार नेता योगी आदित्यनाथ फिल्म को यूपी में टैक्स फ्री कर दिया है।
धर्मांतरण पर आधारित फिल्म ने राजनीति का बढ़ाया पारा
दरअसल, फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ केरल की 32 हजार लड़कियों और महिलाओं की कहानी है, जिनकी गुमशुदगी के राज़फाश का दावा इस फिल्म में किया गया है। फिल्म में दर्शाया गया है कि कैसे मजहबी कट्टरता का इस्तेमाल कर हजारों मासूम लड़कियों को लव जिहाद का शिकार बनाया गया। इतना ही नहीं इन महिलाओं को धर्मांतरण कराकर आतंकवाद और गुलामी के रास्ते पर धकेला जा रहा है। ये कहानी उसी सच्ची घटनाओं पर आधारित बताई जा रही है। जिसके चलते देश में एक बार फिर मतांतरण का विषय गरमा गया है। यही वजह है कि राजनीति में इस फिल्म ने विवाद खड़ा कर दिया है। इस फिल्म को लेकर राजनेताओं के दो गुट तैयार हो गए हैं।
कोर्ट के आदेश पर कट किए गए फिल्म के 10 सीन्स
फिल्म ‘द केरला स्टोरी’ पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी एक याचिका दायर की गई थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आज सुनवाई के बाद इस फिल्म पर रोक लगाने से इनकार कर दिया। इसके अलावा केरल हाई कोर्ट में भी इस फिल्म की स्क्रीनिंग को रोकने के लिए एक याचिका दायर हुई थी, जिसे हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया। हालांकि सेंसर बोर्ड ने इस फिल्म में कुल 10 कट लगाए हैं। और कुछ डॉयलॉग्स भी इस फिल्म से हटा दिए गए हैं। और ये फिल्म अब A सर्टिफिकेट के साथ रिलीज़ होगी। यानी 18 साल के कम उम्र के बच्चे इस फिल्म को नहीं देख पाएंगे।
बंगाल में हुई बैन तो यूपी में हुई टैक्स फ्री
विपुल शाह द्वार निर्मित और सुदीप्तो सेन द्वारा निर्देशित फिल्म द केरल स्टोरी से जुड़े विवाद में एक बात बहुत ही दिलचस्प नजर आती है और वह यह कि यह दो राजनीतिक दलों के बीच की लड़ाई बन गयी है। कश्मीर फाइल्स की तरह द केरल स्टोरी पर विवाद भी अब राजनीतिक रंग ले चुका है। फिल्म की रिलीज के बाद बंगाल सरकार ने इसे बैन कर दिया है। बंगाल राज्य में इस फिल्म को प्रदर्शित नहीं किया जा रहा है। जबकि भाजपा के स्टार नेता योगी आदित्यनाथ ने इस फिल्म को टैक्स फ्री कर दिया है। इस फिल्म को एक खास राजनीतिक विचारधारा का प्रोपगंडा बताया जा रहा है, तो दूसरी तरफ इसके विरोधियों को तुष्टीकरण की राजनीति करनेवाला बताया जा रहा है।
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