यहां माननीयों के स्वागत के लिए तैयार है जूतों की माला
क्षेत्रीय समस्याओं से परेशान जनता ने नेताओं के स्वागत का अनोखा तरीका अपनाया है। एमपी के भोपाल में कोलार एरिया के ओम नगर इलाके में नेताओं के स्वागत के लिए जूतों की माला तैयार की गई है। दरअसल, मॉनसून से पहले नागरिकों के सुविधाओं के लिए नेताओं के उदासीन रवैये से थक-हारकर इलाके के लोगों ने विरोध का यह अनोखा विचार ढूंढ निकाला है।
मानसून में स्थिति बद से बदतर हो जाएगी
इस माला को पुराने जूतों से तैयार करके इलाके में स्थित घरों की छत पर टांग दिया गया है। स्थानीय व्यापारी राजेश मिश्रा बताते हैं, ‘अभी सिर्फ प्री-मॉनसून बारिश ही हुई है और इलाके की हालत देखते ही बनती है।’ उन्होंने आगे कहा कि मानसून में स्थिति बद से बदतर हो जाएगी।
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उन्होंने भोपाल नगर निगम (बीएमसी) और नेताओं पर दोष मढ़ते हुए कहा कि हर साल नेता यहां आकर वोट मांगते हैं, लेकिन मॉनसून में होने वाली दिक्कतों के निवारण के लिए कोई कार्रवाई नहीं करते। एक दूसरे निवासी गणेश बघेल ने कहा, ‘यहां तक कि बीएमसी अधिकारियों और स्थानीय पार्षदों को हम कई बार शिकायत भेज चुके हैं लेकिन कोई ऐक्शन नहीं लिया गया।
नेताओं के लिए जूतों की माला को तैयार किया गया है
सोसायटी में पीने के पानी की उचित व्यवस्था भी नहीं है और सड़कों की हालत बेहद खराब है।’ उन्होंने आगे कहा, ‘अभी तक हम विरोध करते रहे और बीएमसी अधिकारियों को ज्ञापन देते रहे ताकि वह हमारे मुद्दों को सुलझाएं लेकिन कोई कार्रवाई न होने पर हमने जूतों की माला तैयार की है। तो जैसे ही नेता यहां पर वोट मांगने आएंगे तो हम उन्हें दिखाएंगे कि स्वागत कैसे होता है।’ मामले में ओम नगर के पार्षद एम मीणा ने कहा, ‘कॉलोनी की एंट्री के दाईं तरफ एक पुलिया का निर्माण कराया गया था जिसके नीचे सीवर लाइन भी बननी थी।
सड़कों पर भरा रहता है सीवर का पानी
हालांकि कॉन्ट्रैक्टर ने सीवेज लाइन का निर्माण नहीं किया। मैंने इस बारे में उच्च अधिकारियों से बात की है और लेकिन न तो कोई उनमें से मुआयने के लिए और न ही कोई ऐक्शन लिया।’ मीणा ने कहा, ‘इस वजह से कॉलोनी के एंट्रेस में सीवर का पानी भर जाता है जो लोगों के घरों में भी पहुंच जाता है।’
वह बताते हैं कि करीब 10 हजार लोग यहां से रोज गुजरते हैं और कॉलोनी के लिए लोगों के लिए सीवर समस्या एक जटिल समस्या बन चुकी है। वहीं बीएमसी अधिकारियों के अनुसार, इलाके की नालियों से गंदगी हटा ली गई है लेकिन यह स्थायी उपाय नहीं है। दरअसल बारिश के पानी के निकासी के लिए वहां एक सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट्स के साथ ड्रेनेज नेटवर्क की जरूरत है।
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