बिहार में जहरीली शराब का तांडव, निगली 29 जिंदगियां…
बिहार में एक बार फिर से जहरीली शराब ने मौत का तांडव मचाया है. इस बार सीवान जिले के भगवानपुर में जहरीली शराब पीने से 20 लोगों की मौत हुई है. जहरीली शराब के सेवन से मरने वालो का आकंड़ा सिविल सर्जन की रिपोर्ट के आधार पर बताया जा रहा है. वहीं मीडिया रिपोर्ट्स में यह आंकड़ा 29 तक पहुंच चुका है.
बताया गया कि जहरीली शराब से मरने वालों में आठ लोग छपरा के निवासी हैं. इन सभी लोगों की तबीयत जहरीली शराब के सेवन के बाद में बिगड़ी थी. इसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था. वहीं एसपी अमितेश कुमार ने जानकारी देते हुए बताया कि, ”इलाज के लिए 25 लोगों को अस्पताल लाया गया था. इनमें से 11 की मौत सदर अस्पताल और PMCH में इलाज के दौरान हो गई. इससे पहले 16 अक्टूबर की रात को 9 शवों का पोस्टमार्टम कराया गया था. इस तरह अब तक 20 शवों का पोस्टमार्टम कराया जा चुका है. इस बीच सारण जिले से जहरीली शराब के ही कारण 4 लोगों के मौत की खबर आई है. दोनों जिलों को मिलाकर, बिहार में अब तक कम से कम 24 लोगों की मौत जहरीली शराब से हुई है.”
सीवान जिलाधिकारी ने दी ये जानकारी
इस संबंध में सीवान के जिलाधिकारी मुकुल कुमार गुप्ता ने मीडिया से बातचीत के दौरान बताया है कि, “16 अक्टूबर की सुबह करीब साढ़े सात बजे जानकारी मिली कि मगहर और औरिया पंचायतों में संदिग्ध परिस्थितियों में तीन लोगों की मौत हो गई है. अधिकारियों की एक टीम तुरंत इलाके में भेजी गई और 12 और लोगों को इलाज के लिए नजदीकी अस्पताल भेजा गया, लेकिन उनमें से एक व्यक्ति की रास्ते में ही मौत हो गई.”
हालांकि, इसके बाद मृतकों की संख्या लगातार बढ़ रही है. वहीं मामले को लेकर प्रशासन ने उच्चस्तरीय जांच शुरू की है. इस बीच मगहर और औरिया पंचायतों के दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही जिलाधिकारी ने बताया है कि, स्थानीय पुलिस थाने के अधिकारियों के खिलाफ भी विभागीय कार्रवाई की जाएगी. सारण मामले में जिले के डीएम अमन समीर ने PTI को बताया कि, ”ये घटना मशरख पुलिस स्टेशन इलाके की है. गौरतलब है कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व में अप्रैल 2016 में बिहार में शराब बेचने और पीने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है.”
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150 लोगों की हो चुकी है मौत
साल 2016 में प्रदेश की नीतीश सरकार ने शराब की बिक्री और सेवन पर रोक लगा दी थी. इसके बाद बिहार सरकार ने इस बात को खुद ही स्वीकार किया है कि अप्रैल 2016 मे शराब बैन होने के बाद भी अवैध शराब के सेवन से करीब 150 लोगों की मौत प्रदेश में हो चुकी है.