जीएसटी: कॉरपोरेट कंपनियां दूसरे शहरों में कार्यक्रम करने से बच रही हैं
जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) लागू होने के एक महीने बाद होटलवालों ने शनिवार को शिकायत की कि इसके कारण एमआईसीई खंड यानी सम्मेलन, प्रदर्शनी, बैठक आदि को झटका लगा है। इससे पहले राजमार्गो पर शराब को प्रतिबंधित करने से भी उनका कारोबार प्रभावित हुआ था।
होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचआरएडब्ल्यूआई) के एक शीर्ष अधिकारी ने कहा कि बैठक, सम्मेलन आदि के कार्यक्रम जो पहले से बुक थे, उन्हें बड़े पैमाने पर रद्द कराया गया है और गृह राज्य के बाहर होटलों द्वारा चलाई जानेवाली एमआईसीई गतिविधियों पर जीएसटी के तहत इनपुट कर का लाभ नहीं मिलता है।
एचआरएडब्ल्यूआई के अध्यक्ष ने अफसोस व्यक्त किया, “देश भर के होटलों में एमआईसीई बुकिंग में पिछले साल की तुलना में गिरावट आई है। यहां तक कि अग्रिम बुकिंग को रद्द किया जा रहा है और नई बुकिंग मिल नहीं रही।”
उन्होंने कहा कि होटल उद्योग राजमार्गो पर शराब प्रतिबंध के कारण पहले से ही परेशान था और अब जीएसटी लागू होने के बाद हम पर दोहरी मार पड़ी है।
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होटल उद्योग की एमआईसीई गतिविधियों से काफी कमाई होती है। उदाहरण के लिए आनेवाले शादियों के मौसम में होटलों और वैक्वेट हॉल की बड़ी कमाई होती है। , ताकि गृह राज्य में इनपुट टैक्स का लाभ मिले।
दतवानी ने कहा, “जीएसटी की उच्च दरों से होटल उद्योग पर ज्यादा असर नहीं होगा, अगर उन्हें अपने राज्य से बाहर भी इनपुट क्रेडिट का लाभ दिया जाए।”
उन्होंने कहा, “हम सरकार से इस शर्त को हटाने और वास्तविक लेन-देन के आधार पर कर लगाने की सिफारिश करते हैं और अंतर्राष्ट्रीय आवास खंड के लिए इनपुट टैक्स क्लाउज की समीक्षा की अपील करते हैं।”
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