अखिलेश की कांग्रेस को सलाह, आपत्ति है तो कोर्ट में करें अपील
कांग्रेस को समाजवादी पार्टी की तरफ से बड़ा झटका लगा है। अखिलेश यादव ने राफेल मामले में कांग्रेस को झटकते हुए सलाह दी है कि आपत्ति है तो कोर्ट में करें। सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राफेल सौदे पर आए सुप्रीम कोर्ट के निर्णय पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि जब जेपीसी की मांग की गई थी ।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में क्लीन चिट दे दी है
तो सुप्रीम कोर्ट का जिक्र नहीं किया गया था। पर अब जब कोर्ट ने फैसला दे दिया है तो अगर किसी को निर्णय पर आपत्ति है तो उसे सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाना चाहिए। दरअसल, राफेल विमानों की खरीद प्रक्रिया को सुप्रीम कोर्ट ने अपने निर्णय में क्लीन चिट दे दी है।
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कोर्ट का कहना है कि सौदे की पूरी प्रक्रिया का पालन किया गया है। इस निर्णय को केंद्र सरकार के लिए क्लीन चिट माना जा रहा है। हालांकि, निर्णय वाले दिन ही कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि डील में अनिल अंबानी की कंपनी को 30 हजार करोड़ रुपये का फायदा पहुंचाया गया है।
उन्होंने एक बार फिर सरकार से मामले पर जेपीसी के गठन की मांग की और आगे भी ये मुद्दा उठाने का एलान किया। राहुल गांधी ने कहा था कि राफेल सौदे में भ्रष्टाचार हुआ है। हम इसका पर्दाफाश करेंगे। कितना भी छुपा लें, हम साबित कर देंगे कि देश का चौकीदार चोर है।
पद यात्रा को हरी झंडी दिखाकर किया रवाना
सपा ने शुरू किया मिशन 2019, प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में जाकर बताएंगे विकास कार्य
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शनिवार को समाजवादी विजन एवं विकास पद यात्रा को लखनऊ में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।
छात्र नेता पूजा शुक्ला के नेतृत्व में यह पदयात्रा प्रदेश के हर विधानसभा क्षेत्र में जाएगी और सपा सरकार में किए गए काम का ब्यौरा जनता को देगी। इसके साथ ही सपा ने लोकसभा चुनाव 2019 के लिए अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं।
आपको बता दें कि अभी हाल में तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार के बाद विपक्षी पार्टियों के नेताओं का आत्मविश्वास बढ़ गया है और वो इन परिणाम को भाजपा विरोधी माहौल बताकर प्रचारित कर रहे हैं।
आगामी लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में सपा व बसपा का गठबंधन तय माना जा रहा है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पहले ही कह दिया है कि चुनाव के नजदीक आते ही सीटों पर भी फैसला हो जाएगा। सपा-बसपा की घेरेबंदी और कांग्रेस को तीन राज्यों में सत्ता मिलने के बाद भाजपा के लिए 2019 का चुनाव आसान नहीं माना जा रहा है।
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