संसद भवन में गूंजेगा बीएचयू के 13 छात्रों के निलंबन का मामलाः मोहन प्रकाश
IIT BHU के 13 छात्रों के निलंबन के खिलाफ आयोजित प्रेस वार्ता.
बीएचयू के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष और कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता व सह बिहार प्रभारी मोहन प्रकाश ने आरोप लगाया कि “पिछले साल नवंबर में IIT BHU की एक छात्रा के साथ सामूहिक बलात्कार की जघन्य घटना के बाद बीएचयू और जिला प्रशासन ने करवाई में उदासीनता दिखाई. इसके बाद छात्रों ने न्याय के लिए अपनी आवाज उठानी शुरू की. वहीं दो महीने तक पुलिस घटना में शामिल भाजपा के पदाधिकारियों को बचाने में लगी रही. अब घटना के 11 महीने बाद न्याय की मांग करने वाले 13 छात्रों को बीएचयू प्रशासन ने निलंबित कर दिया है. वहीं दूसरी तरफ सामूहिक बलात्कार के आरोपी जो पहले भी आपराधिक गतिविधियों में लिप्त रहे हैं वो खुलेआम बाहर घूम रहे हैं. यह भाजपा सरकार की नाकामी और महिलाओं के प्रति हो रहे अपराधों पर शिथिलता दर्शाती है. न्याय की मांग करने वाले छात्रों को निलंबित करना बहुत ही शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है. गलत के खिलाफ आवाज़ उठाना ही एक ज़िंदा समाज की बुनियाद बनाता है. इस तरह का तानाशाही फैसला न केवल छात्रों के नैतिक बल को तोड़ने का कुत्सित प्रयास है बल्कि महामना मालवीय जी की आत्मा को ठेस पहुंचाने वाला है.
छात्रों का निलंबन हो वापस
मोहन प्रकाश ने IIT BHU में दूराचार की शिकार बनी पीड़िता को न्याय दिलाने की आवाज़ उठाने वाले 13 छात्रों के निलंबन के खिलाफ आयोजित प्रेस वार्ता में उक्त बातें कहीं. कहा कि वह इस निलंबन के फैसले की निंदा करते हुए बीएचयू प्रशासन से इसे वापस लेने की मांग करते हैं. उन्होंने कहा कि मौजूदा कुलपति सुधीर कुमार जैन का कार्यकाल खत्म होने वाला है. वहीं सबसे दुर्भाग्य की बात यह है कि BHU एग्जीक्यूटिव काउंसिल का गठन ही नहीं किया गया है. आरोप लगाया कि मालवीय जी की भावना के विपरीत विश्वविद्यालय पिछले कुछ वर्षों से चल रहा है.
कोई गुजरात का होगा तो कोई…
उन्होंने कहा कि बीएचयू में एडवाइजर कौन है, उनके बारे में सब कोई जानता है. कोई गुजरात का होगा तो कोई किसी और जगह का जिनका कोई भी अस्तित्व नहीं है. इन लोगों का कोई एजुकेशन बैकग्राउंड नहीं है. उन्होंने कहा कि अगर वह इस एडवाइजर टीम में विश्वविद्यालय के अध्यापकों को कुलपति रखते तो बात कुछ समझ में आती.
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विश्वविद्यालय आरोपियों के साथ
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की स्थिति बड़ी दुर्भाग्यपूर्ण है. जब तक आरोपी नहीं पकड़े गए तब तक उनके खिलाफ यहां के विद्यार्थियों को विरोध प्रदर्शन करना पड़ा. अब सवाल या खड़ा होता है कि उसके विरोध में जो छात्र सामने आए उनके खिलाफ विश्वविद्यालय ने निलंबन की कार्रवाई क्यों कर दी. इस कार्रवाई के बाद सीधा समझ में आ रहा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन उन लोगों के साथ है जो लोग बलात्कार के आरोपी हैं और उनका सत्ताधारी दल से संबंध है.
संसद में उठाएंगे इस मुद्दे को
कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने एक सवाल के जवाब में कहा कि हम इस मुद्दे को संसद भवन में भी उठाएंगे. चेतावनी भी दी कि वह यहां के कुलपति से मांग करते हैं कि जल्द से जल्द इन विद्यार्थियों का निलंबन वापस करें अन्यथा बड़ा आंदोलन करना पड़ेगा.