बंगला बचाने की ‘माया’, लगाया कांशीराम विश्रामालय का बोर्ड
सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के बावजूद मायावती की मंशा शायद बंगला छोड़ने की नहीं है इसलिए उन्होंने बंगले का नाम बदलकर कांशीराम विश्रामालय का बोर्ड लगा दिया है। बंगला बचाने के लिए बसपा ने दांव खेला है। मीडिया में आ रही खबरों के मुताबिक बंगले को बचाने के लिए बाहर श्री कांशीराम जी यादगार विश्रामालय स्थल नाम का बोर्ड लगा दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद उत्तर प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्रियों के सरकारी बंगले खाली करने की कवायद शुरू हो गई है। सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों ने अपना-अपना नया आशियाना ढूंढने की कोशिश शुरू कर दी है।
13 ए माल एवेन्यू को छोड़कर 9 माल एवन्यू में शिफ्ट
राज्य संपत्ति विभाग के नोटिस के बाद सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगले इस महीने के आखिर तक खाली करने हैं। इन्हीं में पूर्व मुख्यमंत्री मायावती का नाम भी शामिल है। पता चला है कि मायावती अब अपने सरकारी आवास 13 ए माल एवेन्यू को छोड़कर 9 माल एवन्यू में शिफ्ट होंगी। 9 माल एवेन्यू निजी मकान है और 13 ए के पास ही स्थित है, लेकिन मायावती 13 ए का बंगला छोड़ने के मूड में नहीं दिख रही हैं।
सोमवार को उनके सरकारी बंगले के सामने कांशीराम विश्रामालय स्थल का बोर्ड लगा दिया गया है। जानकार मानते हैं कि बसपा ने 13 ए मॉल एवेन्यू को छोड़ने का फैसला तो जरूर किया है, लेकिन इस बंगले के सामने श्री कांशीराम जी यादगार विश्रामालय स्थल लिखवा कर इस बात की कोशिश जरूर की है कि सरकार इस सरकारी बंगले को ना छेड़े। इस तरह की खबरें आ रही थी कि पीडब्ल्यूडी अपना कैंप कार्यालय मायावती के सरकारी बंगले को बना सकता हैं।
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बसपा इस बात को बखूबी जानती है कि 13 ए माल एवन्यू उनके इमोशन से जुड़ा हुआ है और शायद इसीलिए कांशीराम के नाम पर ही सही बंगला सुरक्षित रखने की कवायद की जा सकती है। फिलहाल मायावती लखनऊ में 9 माल एवन्यू में शिफ्ट हो रही हैं, जहां तेजी से काम किया जा रहा है। रिपोर्ट कहती है कि मायावती के नए बंगले 9 मॉल एवेन्यू में नई टाइल्स लगाई जा रही हैं। साथ ही साफ-सफाई का काम भी किया जा रहा है। माना जा रहा है कि 1 से 2 दिन के अंदर मायावती के सभी सामान 13ए मॉल एवेन्यू से 9, मॉल एवेन्यू में शिफ्ट कर दिया जाएगा।
हजरतगंज से सटे हुए इलाके में बंगले का इंतजाम करेंगे
उधर, दूसरी तरफ पूर्व मुख्यमंत्री राजनाथ सिंह विपुल खंड में शिफ्ट हो रहे हैं, जबकि कल्याण सिंह अपने पोते और मंत्री संदीप सिंह के सरकारी आवास में शिफ्ट होंगे। वहीं, अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव को लेकर अभी भी संशय बरकरार है। उम्मीद की जा रही है कि दोनों पूर्व मुख्यमंत्री अपने लिए गोमती नगर या फिर हजरतगंज से सटे हुए इलाके में बंगले का इंतजाम करेंगे। फिलहाल इन सभी पूर्व मुख्यमंत्रियों के पास इस महीने के आखिर तक का समय है और फिलहाल यह बात साफ हो गई है कि सरकार इन पूर्व मुख्यमंत्रियों को कोई रियायत नहीं देने वाली है और सबको अपने बंगले खाली करने ही होंगे।
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