प्रद्युम्न मर्डर : कंडक्टर ने बताया… क्या हुआ था उस दिन
रायन इंटरनैशनल स्कूल के छात्र प्रद्युम्न की हत्या के आरोप में गिरफ्तार कंडक्टर ने जेल से रिहा होने के बाद पुलिस पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कंडक्टर अशोक का कहना है कि स्कूल के टॉइलट में घायल पड़े बच्चे को कार तक पहुंचाने की उन्हें बहुत बड़ी सजा मिली है। वह तो मेन गेट से घुसकर बाथरूम में जा रहा था। बाथरूम के बाहर उसे स्कूल का माली हरपाल मिल गया।
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उसी ने बच्चे को उठाकर बाहर ले चलने को कहा था। बच्चे की हालत देख अशोक उसे गोद में उठाकर बाहर टीचर की कार तक लेकर गया और फिर स्कूल में ही रहा। अशोक ने बताया कि 8 सितंबर का वह भयानक दिन वह भूल नहीं सकते। उन्होंने बताया, ‘दोपहर करीब 11 बजे अचानक 4-5 पुलिसवाले स्कूल के ही कमरे में मुझसे सवाल पूछने लगे कि तुम कहां थे? क्या किया? क्या देखा? तभी वे मुझे खींचते हुए अपनी गाड़ी में डालकर सोहना थाने ले गए।
…जिससे मुझे नशा-सा होने लगा
थाने में अंदर ले जाकर मुझे सभी ने थप्पड़ मारने शुरू कर दिए। काफी देर तक मुझे मारते रहे और कहते रहे कि बोल तूने ही मारा है। मुझे कई बार करंट तक लगाया गया कि मैं बच्चे की हत्या करने की हामी भरूं। फिर मेरे हाथ पर इंजेक्शन लगाया, जिससे मुझे नशा-सा होने लगा। इसके बाद मुझे नहीं पता कि उन्होंने क्या-क्या बुलवा लिया।’
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भोंडसी जेल से रिहा होने के अगले दिन गुरुवार को भी अशोक अपने घर नहीं पहुंचे। वह अपने एक पड़ोसी के घर पर ही ठहरे हुए हैं। बुखार होने की वजह से वह आराम कर रहे थे. यहीं पर उनकी बहनें व अन्य परिचित-पड़ोसी भी बार-बार मिलने आ रहे थे। उनके अपने घर पर लगभग सन्नाटा-सा पसरा है क्योंकि सभी सदस्य पड़ोसी के घर पर हैं।
स्कूल प्रबंधन की तरफ से हाल जानने कोई नहीं आया
अशोक का कहना है, ‘बुधवार रात से गांव के लोग, रिश्तेदार जिसे भी मेरे वापस आने का पता चल रहा है, आकर हाल-चाल पूछ रहा है और हिम्मत दे रहा है। मुझे दुख है कि स्कूल प्रबंधन की तरफ से हाल जानने कोई नहीं आया। अब मैं कभी उस स्कूल में वापस नौकरी नहीं करूंगा। साथ ही अब ऐसी कोई नौकरी मैं नहीं करना चाहता जहां ऐसा शोषण झेलना पड़े। मैं अब गांव में रहकर ही मेहनत-मजदूरी कर बच्चों का पालन-पोषण करूंगा।’
(साभार – एनबीटी)