हथियार गिराकर वापस पाक नहीं लौटा ड्रोन तो आतंकियों ने जला दिया
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 में बदलाव हो जाने के बाद से पाकिस्तान आतंकी घटनाओं को अंजाम देने में सफल नहीं हो पा रहा है। सीमा पर सेना कड़ी निगरानी रख रही है, जिसके चलते पाकिस्तान को अब यह एहसास भी हो गया है कि वह भारत में आसानी से अपनी घटिया हरकतों को अंजाम नहीं दे पाएगा। इसलिए वह अब ड्रोन के माध्यम से आतंकी घटनाओं को अंजाम देने की साजिश रच रहा है।
ड्रोन से हमले की कोशिश
आपको बताते चलें कि हाल ही के दिनों में विश्व में ड्रोन का उपयोग करके आतंकी घटनाओं को अंजाम देने का चलन बढ़ रहा है। ISIS जैसे आतंकी समूह ड्रोन की मदद से ग्रेनेड गिराते रहते हैं। इस पर अभी हाल ही में अमेरिका ने कहा था कि, यह एक गंभीर चुनौती है और फिलहाल इससे निपटने के लिए वह उतना तैयार नहीं है।
जांच एजेंसियां छानबीन में जुटी
आपको बताते चलें कि सीमा पर सेना की मुस्तैदी के चलते भारत में आतंकियों की घुसपैठ करा पाने में नाकाम पाकिस्तान अब ड्रोन के जरिए आतंक का सामान भेज रहा है। सितंबर महीने में ही 7-8 बार ड्रोन के जरिए पंजाब के तरनतारन में हथियार गिराने की कोशिशें की गईं। पंजाब में पाकिस्तान द्वारा ड्रोन के जरिए हथियारों की सप्लाइ का मामला सामने के बाद जांच एजेंसियां छानबीन करने में जुटी हैं।
यह भी पढ़ें : …जब एक दिन की प्रिंसिपल बनी पौने तीन फीट की छात्रा, विधायक और प्रिंसिपल लेने पहुंचे घर
इन्हीं सब के बीच पुलिस ने तरनतारन में भिखीविंड सड़क पर चभल इलाको में स्थित एक चावल मिल के गोदाम से अधजला ड्रोन बरामद किया। ऐसे में यह समझना अहम है कि यह कितनी बड़ी चुनौती है और हाल के दिनों में यह खतरा कितनी तेजी से बढ़ा है।
बन सकते हैं चुनौती
ड्रोन हमले में सबसे ज्यादा ध्यान देने वाली बात यह है कि, चार रोटर पर काम करने वाले ड्रोन को करीब 2 किमी से ज्यादा दूरी से संचालित किया जा सकता है। ऑनलाइन करीब 80,000 रुपये में मिलने वाला ड्रोन 20 मिनट से भी ज्यादा समय तक उड़ सकता है। ये कॉमर्शल प्लेन या कानून प्रवर्तन चैनलों के लिए भी चुनौती बन सकते हैं।
एक पुलिस अधिकारी ने अपनी पहचान गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि, पूछताछ के दौरान आरोपी से मिली सूचना के आधार पर ड्रोन बरामद किया गया। हथियारों की खेप गिराने के बाद जब ड्रोन वापस उड़ नहीं सका तो पंजाब में खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स (केजेडएफ) के आतंकियों ने इसे जला दिया।
यह भी पढ़ें : विदेश में पढ़ाई के इच्छुक छात्रों का सपना होगा साकार, मिलेगी सात लाख की स्कालरशिप
हथियार गिराने के बाद वापस नहीं लौट पाया
जानकारी देते हुए अधिकारी ने बताया कि, ‘आरोपी ने बताया कि ड्रोन (तरनतारन के) भुसे गांव में हथियारों की पहली खेप गिराने के बाद पाकिस्तान नहीं लौट पाया था जिसके बाद उसे जला दिया गया।’ मामले की जांच जारी है, लेकिन यह माना जा रहा है कि इन हथियारों का प्रयोग जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद को फैलाने में किया जाना था।
जब्त करने के उपरांत जला दिया
चार केजेडएफ आतंकी-बलवंत सिंह उर्फ निहंग, आकाशदीप, हरभजन सिंह और बलबीरसिंह को तरण-तारण के एक गांव से गिरफ्तार किया गया था। मिली जानकारी के मुताबिक, ‘आरोपी ने बताया कि ड्रोन द्वारा हथियार गिराए जाने के बाद जब वह वापस पाकिस्तान जाने में फेल हो गया तो उसे जला दिया गया।
ड्रोन के क्रैश होने के बाद पाकिस्तान में मौजूद ड्रोन ऑपरेटरों ने आरोपी को उसकी लोकेशन भेजी थी। इसके बाद आरोपी ने वहां पहुंचकर ड्रोन को जब्त करने के बाद जला दिया।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)