तबस्सुम को बेड़ियों से आजाद कराइये सीएम साहब
सहारनपुर के देवबंद में जन्म से ही मंदबुद्धि लड़की को जंजीर में बांधकर रखने को मजबूर परिजनों ने उसके इलाज़ के लिए मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री से बच्ची के इलाज के लिए गुहार लगाई है। परिजनों का कहना है कि उन्होंने बच्ची का इलाज कई जगह करवाया मगर कोई फायदा नहीं हुआ।
बचपन से ही दिमागी संतुलन खो चुकी है तबस्सुम
सहारनपुर में देवबंद नगर के मोहल्ला कायस्थवाड़ा निवासी मुनव्वर बहुत गरीब है और रेहड़ा चलाकर अपने परिवार का पालन पोषण करता है। मुनव्वर के आठ बच्चे हैं, जिनमें सबसे छोटा आठ वर्ष का बेटा व सात बेटी हैं। मुनव्वर की सबसे बड़ी बेटी तबस्सुम बचपन से ही दौरे पड़ने के कारण अपना दिमागी सन्तुलन खो चुकी है। बचपन से मां-बाप इलाज के लिए कई डॉक्टरों के पास गए। उसका लंबा इलाज भी चला तबस्सुम की की हालत में कोई सुधार नहीं हुआ।
कर्ज में डूबा हुआ है परिवार
इतना ही नहीं इलाज के दौरान खर्च हुई रकम के कारण मुनव्वर कर्ज के बोझ तले डूब गया। ऐसे में एक तरफ बच्ची के इलाज की चिंता, दूसरी ओर परिवार के पालन पोषण की चिंता से परेशान है। मनव्वर के परिवार का गुजारा रेहड़ा चलाकर मिलने वाले पैसे से ही होता है।
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जंजीर से बांधने को मजबूर
तबस्सुम की हालत दिन-प्रतिदिन पहले से बदतर होती जा रही है, वहीं तबस्सुम की उम्र में भी इजाफा हुआ। बढ़ती उम्र को देखते हुए परिजन तबस्सुम को जंजीर से बांधने को मजबूर हो गए। क्योंकि जब वह घर से निकल जाती थी तो नाली से कीचड़ खाना व लोगों को पत्थर मारने जैसी हरकते करने लगी थी। उसकी हरकतों की वजह से परिजन उसे छत पर जंजीर से बांध कर रखते हैं।
सीएम योगी और पीएम मोदी से परिवार लगा चुका है गुहार
सभी जगह से निराश होकर परिजनों ने मुख्यमंत्री व प्रधानमंत्री से गुहार लगाई है। तबस्सुम के परिजनों का मानना है कि वे उसके भविष्य को लेकर हर वक्त चिंतित रहते हैं। उनका कहना है, ‘अब तबस्सुम बालिग हो गई और आज के समय मे आप देख सकते हैं, आए दिन महिलाओं के साथ कोई ना कोई वारदात घटती रहती है। जब समझदार महिलाएं ही सुरक्षित नहीं हैं तो ऐसे में तबस्सुम को खुला रखना सही नहीं है।’ वक्त और हालात के कारण एक मां-बाप को अपनी बच्ची को जंजीरों में बांधना पड़ रहा है।
साभार- न्यूज18