स्वाति मालीवाल केस-कोर्ट ने विभव कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेजा

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दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने स्वाति मालीवाल केस में आरोपित विभव कुमार को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. दिल्ली पुलिस ने विभव कुमार को स्वाति मालीवाल मामले में 18 मई को गिरफ्तार किया था. न्यायिक हिरासत के पहले विभव कुमार दिल्ली पुलिस की गिरफ्त में थे.

विभव ने की विभागीय जांच की मांग

याचिका में विभव कुमार ने गिरफ्तारी को चुनौती दी थी. याचिका में विभव की ओर से दलील दी गई थी कि उन्हें जबरदस्ती पुलिस कस्टडी में रखा गया था. इसके साथ ही जबरदस्ती कस्टडी में रखने का मुआवजा भी मिले और पुलिसवालों के खिलाफ विभागीय जांच की मांग की थी.

पुलिस ने मुख्यमंत्री के आवास को बताया था सेंसेटिव…

पिछली सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस की ओर से पेश वकील अतुल श्रीवास्तव ने दलील दी थी कि सुरक्षा के लिहाज से मुख्यमंत्री का आवास बहुत सेंसेटिव होता है और अगर वहां कुछ हुआ तो उनकी तरफ से 112 नंबर पर फोन क्यों नहीं किया गया. वकील ने कहा था कि विभव को पद से हटाने के बाद भी लोग मिलने के लिए उन्हें कॉल करते हैं, इसलिए स्वाति मालीवाल ने भी उनको कॉल किया था.

पुलिस ने दी थी यह दलील…

पुलिस ने कोर्ट को बताया था कि घटना के दिन केवल स्वाति मालीवाल ने ही 112 पर कॉल किया था, उनके अलावा किसी ने भी मुख्यमंत्री आवास से कोई कॉल नहीं की गई. स्वाति मालीवाल संसद की मौजूदा सदस्य हैं, दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष रही हैं, पार्टी चीफ ने उन्हें लेडी सिंघम भी कहा था. पार्टी के मुखिया से मिलने के लिए क्या विभव की इजाजत की जरूरत थी?

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VC की जरिए पेशी करने की मांग…

इस मामले में एक बड़ी खबर सामने आ रही है कि विभव कुमार ने अपनी सुरक्षा को कारण बताते हुए प्राइवेट वाहन से जेल ले जाने और अगली सुनवाई VC के जरिए करने की मांग की है. इससे पहले विभव कुमार के वकील ने कहा कि इस मामले में जो गवाह है वह सरकारी कर्मचारी है.ऐसी कोई संभावना नहीं है कि किसी भी तरह से गवाहों को डराया या धमकाया नहीं जा सकता है.

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