राजस्थान विधानसभा में ‘प्रेत आत्माओं’ का डेरा, खौफ में हैं विधायक

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इसे अंधविश्वास कहिए या फिर मौत का डर। दरअसल, राज्य में विधायकों को इस बात का शक है कि राजस्थान विधानसभा में आत्माओं का वास है। विधायकों का मानना है कि सदन में 200 सदस्यों की संख्या ज्यादा वक्त नहीं टिकती है या तो किसी एक की ओर से इस्तीफा दे दिया जाता है, नहीं तो कोई जेल जाता है या फिर किसी एक की मौत हो जाती है। इसके पीछे उन्होंने प्रेत आत्माओं को जिम्मेदार ठहराया है।

यही नहीं, कुछ विधायकों ने इस संदर्भ में अपने डर के बारे में मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से बातचीत भी की है। इसके साथ ही उन्होंने कोई पुजारी बुलाकर प्रेत आत्मा को शांत कराने की मांग की है। गुरुवार को विधानसभा परिसर में प्रवेश द्वार पर एक पुजारी को कुछ पूजा-पाठ करते हुए देखा गया।

कल्याण सिंह चौहान के निधन के बाद बढ़ा खौफ

बीजेपी विधायक कल्याण सिंह चौहान का मंगलवार रात निधन होने के बाद अन्य विधायक और डर गए। इसके साथ ही उन्होंने इन तमाम गतिविधियों को नियंत्रित करने के लिए उपाय करने की मांग की। बता दें कि पिछले वर्ष मांडलगढ़ से बीजेपी विधायक कीर्ति कुमारी की स्वाइन फ्लू के चलते मौत हो गई थी।

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इससे पहले बीएसपी एमएलए बीएल कुशवाहा को हत्या के मामले में जेल हो गया। पिछली विधानसभा में कांग्रेस एमएलए महिपाल मदेरणा, मलखान सिंह बिश्नोई और बाबू लाल नागर को मर्डर और रेप के आरोप में जेल भेज दिया गया था।

श्मशान की जमीन पर हुआ है निर्माण

विधायकों के डर की वजह यह भी है कि विधानसभा की इमारत का निर्माण श्मशान की कुछ जमीन पर भी हुआ है। दरअसल, विधानसभा की इमारत से 200 मीटर की दूरी पर लाल कोठी मोक्षधाम बना हुआ है। वर्तमान विधानसभा भवन तकरीबन 17 एकड़ में फैला हुआ है। यह एसएमएस स्टेडियम के करीब स्थित है। इसे नवंबर 1994 से मार्च 2001 के बीच में तैयार किया गया था। इसके पहले राज्य विधानसभा का भवन पुराने शहर स्थिति सवाई मान सिंह टाउन हॉल में था, जिसका निर्माण लगभग 1884 में किया गया था।

बुरी आत्माओं का है खौफ

नागौर से बीजेपी विधायक हबीबुर रहमान कहते हैं, ‘जिस जमीन पर नई इमारत का निर्माण हुआ है उसे पहले कब्रिस्तान के रूप में प्रयोग किया जाता था। यहां पर निश्चित रूप से लोग बच्चों के शव भी दफनाते रहे हैं। बुरी आत्माएं आमतौर पर ऐसी ही जगहों के आसपास घूमती हैं।’

जानिए, कैसे हुआ था निर्माण

पांच बार से विधायक हबीबुर रहमान, जो कि मंत्री भी रहे हैं ने बताया कि वह उस कमिटी का हिस्सा रहे हैं जिन्होंने भूमि का निरीक्षण किया था। उस दौरान मुख्यमंत्री भैरोंसिंह शेखावत ने यहां पर नए विधानसभा भवन के निर्माण के लिए 5 करोड़ रुपये स्वीकृत किए थे। रहमान कहते हैं, ‘कब्रिस्तान के बारे में मेरी चिंता को देखते हुए उन्होंने आसपास के इलाकों में कुछ मंदिरों का निर्माण भी कराया था।’

सीएम वसुंधरा को दी गई पूरी जानकारी

रहमान ने यह भी कहा, ‘जब मैडम (वसुंधरा राजे) ने बुधवार को उनसे पूछा कि यह सब क्यों हो रहा है (चौहान और कुमारी की मौत), तो मैंने उन्हें इस स्थान से जुड़ी हुई पुरानी जानकारी दी। मैंने उन्हें सुझाव दिया कि किसी मौलाना को बुलाकर इस स्थान का शुद्धीकरण कराया जाना चाहिए।’

‘विधानसभा की इमारत में नहीं टिकते 200 सदस्य’

सरकार के प्रमुख सचेतक कालू लाल गुर्जर ने कहा, ‘यह सच है कि विधानसभा की इमारत में 200 सदस्य ज्यादा वक्त तक नहीं टिकते। चौहान और कुमारी के हुए आसमयिक निधन के बाद हम भी चिंतित हैं। मैं विश्वास करता हूं कि आत्माएं बुरा कर सकती हैं। हमने इस बारे में मुख्यमंत्री को बताया है और उन्होंने इस बारे में कुछ करने का आश्वासन भी दिया है।’

NBT

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