सुप्रीम कोर्ट का फैसला आरक्षण को खत्म करने जैसा- मायावती
SC- ST आरक्षण के भीतर सब केटेगरी बनाने को लेकर दिए गए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के संबंध में आज बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा सुप्रीम कोर्ट के फैसले से हमारी पार्टी सहमत नहीं है. इस फैसले के बाद राज्य-केंद्र में मतभेद होगा. वहीं बसपा सुप्रीमो और पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरक्षण पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का विरोध किया.
नहीं किया जा सकता अनुसूचित जाति जनजाति में वर्गीकरण
प्रेसवार्ता के दौरान मायावती ने कहा कि अनुसूचित जाति जनजाति में वर्गीकरण नहीं किया जा सकता है. इससे कोटा ख़त्म हो जायेगा और सरकार कि यह मंशा है कि इसे लागू कर कोटा ख़त्म कर दिया जाए. आरक्षण में किसी भी प्रकार का वर्गीकरण उचित नहीं होगा. वर्गीकरण का मतलब आरक्षण को समाप्त कर उसे सामान्य वर्ग को देने जैसा होगा. हमारी पार्टी सुप्रीम कोर्ट के फैसले से सहमत नहीं है और हम आरक्षण में किसी तरह के वर्गीकरण के खिलाफ हैं.
सामान्य वर्ग को जा सकता है SC- ST आरक्षण
मायावती ने कहा कि इस फैसले के बाद राज्यों में मतभेद होगा औरSC- ST आरक्षण सामान्य श्रेणी वालों को जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने ही 2004 के फैसले को पलट दिया है. उन्होंने कहा कि इस फैसले के बाद राज्य सरकार मनचाही जातियों को आरक्षण देने का काम करेंगी. इससे असंतोष की स्थिति उत्पन्न होगी.
कोर्ट ने बदला 2004 के ’ई.वी. चिन्नैया का फैसला…
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट से अभी कुछ दिन पहले एसटी-एससी के आरक्षण के बंटवारे को लेकर फैसला आया है. सुप्रीम कोर्ट ने माना है कि एससी/एसटी आरक्षण के अंदर किसी एक जाति या कुछ जातियों को अलग से आरक्षण दिया जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट की 7 जजों की बेंच ने बहुमत से यह फैसला दिया है, चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली 7 जजों की बेंच ने 6.1 के बहुमत से 2004 के ’ई.वी. चिन्नैया बनाम आंध्र प्रदेश’ फैसले को पलट दिया.
Also Read : काशी के होटल की आड़ में चल रहा था सेक्स रैकेट, दर्जनभर से अधिक युवक और युवतियां पकड़ी गईं
संविधान के नौवीं अनुसूची में इसे शामिल किया जाय
मायावती ने मांग की है कि भविष्य में आरक्षण में किसी भी तरह के बदलाव की कोशिशें न हों. संविधान के नौवीं अनुसूची में इसे शामिल किया जाय. अनूसूचित जातियों को आगाह करते हुए मायावती ने कहा कि आपातकालीन की स्थिति को समझते हुए एससी-एसटी वर्ग को एकजुट होने की जरूरत है. यदि वह बंटे रहेंगे तो विरोधी उनका फायदा उठाएंगे.
Also Read: ‘यह धर्म की आजादी पर प्रहार’… वक्फ एक्ट में संशोधनों की चर्चा पर बोले ओवैसी