राजीव गांधी हत्याकांड मामले में SC ने सभी दोषियों को दिया रिहाई का आदेश
देश के पूर्व पीएम राजीव गांधी हत्या मामले में सुप्रीम कोर्ट ने नलिनी श्रीहरन व आरपी रविचंद्रन समेत सभी 6 दोषियों की रिहाई का आदेश दिया है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद नलिनी श्रीहरन, आरपी रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को रिहा किया जाएगा. राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों ने समय से पहले रिहाई की मांग की थी. इसके बाद तमिलनाडु सरकार ने राजीव गांधी हत्याकांड के दोषियों नलिनी श्रीहरन और आरपी रविचंद्रन की समय से पहले रिहाई का समर्थन किया था.
Rajiv Gandhi assassination: SC orders per-mature release of six convicts
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पूर्व पीएम के दोषियों की रिहाई पर कांग्रेस ने कठोर प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा ‘सुप्रीम कोर्ट का यह निर्णय पूरी तरह से अस्वीकार्य और गलत है. कांग्रेस इस निर्णय की आलोचना करती है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि सुप्रीम कोर्ट ने भारत की भावना के अनुरूप काम नहीं किया.’
"Unacceptable and completely erroneous…: Congress criticizes SC's decision of releasing Rajiv Gandhi's killers
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दरअसल, न्यायमूर्ति बीआर गवई और न्यायमूर्ति बीवी नागरत्ना ने कहा ‘दोषी पेरानीवलन की रिहाई का आदेश इस मामले में अन्य दोषियों पर भी लागू होता है. सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को पेरारिवलन को रिहा करने का आदेश दिया था. उन्होंने जेल में 30 साल से अधिक सजा काटी थी. इस मामले में अब तक राज्यपाल की ओर से कोई फैसला नहीं लिया गया है, ऐसे में हम अपना आदेश सुना रहे हैं.’
इस मामले में पहले हुई सुनवाई के दौरान दो अलग-अलग हलफनामों में तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था कि 9 सितंबर, 2018 को हुई कैबिनेट की बैठक में उसने मामले में 7 दोषियों की दया याचिकाओं पर विचार किया था और राज्यपाल से अपनी शक्तियों का प्रयोग करके उनकी आजीवन कारावास की सजा में छूट की सिफारिश की थी.
हलफनामें में कहा गया था कि श्रीहरन, रविचंद्रन, संथन, मुरुगन, एजी पेरारिवलन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है और उन्होंने 23 साल से अधिक समय जेल में बिताया है. तमिलनाडु सरकार ने कहा था कि वह अनुच्छेद 161 के तहत श्रीहरन और रविचंद्रन द्वारा दायर याचिका पर निर्णय लेने के लिए सक्षम है और 9 सितंबर, 2018 को राज्य कैबिनेट का निर्णय अंतिम है और राज्यपाल इसे मान सकते हैं.
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