Sultanpur Suicide : सुल्तानपुर जेल में दो बंदियों ने नहीं की थी खुदकुशी, जहर देकर मारा गया
घटना के छह माह बाद जांच में हुआ राजफाश, हत्या का लगा आरोप
Sultanpur Suicide : उत्तरप्रदेश की सुल्तानपुर जेल में 21 जून को दो बंदियों के शव पेड से लटके मिले थे. उस समय दोनों की पहचान करिया उर्फ विजय पासी व मनोज रैदास के रूप में हुई थी. इस घटना के छह माह बाद अब राजफाश हुआ है कि दोनों बंदियों ने खुदकुशी नहीं की थी, बल्कि उन्हें जहरीला पदार्थ देकर मारा डाला गया था. हत्या के बाद उनके शवों को पेड से लटका कर उसे आत्मपहत्या का रूप देने की कोशिश की गई थी. इस मामले के लिए जेल प्रशासन का जिम्मे्दार ठहराया गया है. जेल प्रशासन ने दोनों को अवसादग्रस्त बताया था.
दोनों बंदी थे दलित
इस हैरतअंगेज घटना को तत्कालीन जेल प्रशासन ने दो दिनों तक दबा कर रखा था. करिया उर्फ विजय पासी और मनोज रैदास दलित समुदाय से जुडे थे. उन्हें अमेठी के जामो थाना क्षेत्र के लोरिकपुर गांव के रहने वाले मुर्गा फार्म संचालक ओमप्रकाश यादव की हत्या के आरोप में 30 मई 2023 को गिरफ्तार किया गया था. 26 मई 2023 को धारदार हथियार से इस हत्यामकांड को अंजाम दिया गया था. न्यायालय ने दोनों को जेल भेज दिया था, जहां 21 जून की शाम उनके शव पेड से लटके मिले थे. बंदियों के स्वदजनों ने जेल प्रशासन पर हत्या् का आरोप लगाया था. उस समय जेल अधीक्षक रहे उमेश सिंह ने दोनों बंदियों द्वारा आत्महत्या किया जाना बताया था. तत्काेलीन जिलाधिकारी जसजीत कौर ने इस मामले में न्याायिक जांच का आदेश दिया था. सीजेएम सपना त्रिपाठी, एसडीएम सदर सीपी पाठक व सीओ सिटी राघवेंद्र चतुर्वेदी जांच कर रहे थे.
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क्या कहती है पीएम रिपोर्ट
पोस्ट्मार्टम के दौरान चिकित्सकों की टीम ने स्पष्ट किया था कि दोनों की मौत दो दिन पहले हुई थी. जांच अधिकारी ने दो दिसंबर को जांच रिपोर्ट जिला जज को प्रेषित की है. जांच के दौरान 20 लागों के बयान दर्ज किये गये. चार विचाराधीन बंदी, एक दोष सिद्धबंदी, तीन हेड जेल वार्डर, दो जेल वार्डर, बंदियों के परिजनों व डाक्टिरों समेत अन्यस के बयान लिये गये थे. पोस्टमार्टम करने वाले चिकित्साकों ने बताया कि दोनों के शरीर पर चोट के निशान थे. जीभ बाहर थी और मुंह खुला हुआ था. नाखून नीले पड गए थे. ऐसा नीलापन कोई जहर दिए जाने पर आता है. जांच में दोनों बंदियों को अवसाद से ग्रस्त नहीं पाया गया. पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर का कहना है कि जेल अधिकारियों पर मुकदमा दर्ज कर उन्हेंर बर्खास्त किया जाना चाहिये.