ऐसी मुश्किल… बीजेपी को जेल अधीक्षक को बनाना पड़ा उम्मीदवार…
संगान ने रविवार को नौकरी से वीआरएस लिया था
हरियाणा राज्य में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा ने अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी कर दी है. इस सूची के जारी होने के बाद एक नाम काफी चर्चा में है. वो है चरखी दादरी से बीजेपी उम्मीदवार सुनील सांगवान का. सुनील सांगवान के रोहतक जेल के अधीक्षक रहते हुए डेरा प्रमुख राम रहीम को 6 बार फरलो या पैरोल मिल चुकी है. संगान ने रविवार को नौकरी से वीआरएस लिया था, जिसको सरकार ने स्वीकार कर लिया और अब उन्हें चुनाव लड़ने के लिए टिकट भी दे दिया है. इसके बाद से अब यह चर्चा हो रही है कि पार्टी के तमाम वरिष्ठ नेताओं के रहते बीजेपी को सांगवान को टिकट देने की जरूरत क्यों पड़ी. कहीं यह जेल में सजा भुगत रहे डेरा सच्चा सौदा राम-रहीम के सिफारिश और उसके प्रभाव का असर तो नही?
हरियाणा सरकार पर उठे थे सवाल…
राम रहीम को बार-बार पैरोल या फरलो मिलने पर राज्य सरकार पर कई तरह के सवाल भी उठे थे. शिरोमणि गुरूद्वारा प्रबंधक कमेटी ने भी पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी. इस पर हाईकोर्ट ने कहा था कि बिना इजाजत राम रहीम को पैरोल या फरलो न दी जाए. बाद में हाईकोर्ट ने पैरोल या फरलो का जिम्मा राज्य सरकार पर भी छोड़ दिया था.
सांगवान के अधीक्षक रहते राम रहीम को मिली 6 बार पैरोल…
बता दें कि, सांगवान के अधीक्षक रहते हुए डेरा प्रमुख राम रहीम को 6 बार पैरोल मिली थी वहीं, 2017 के बाद से लेकर अब तक राम रहीम 10 बार जेल से बाहर आ चुका है. गौरतलब है कि हरियाणा सदाचारी बंदी (अस्थायी रिहाई) अधिनियम जेल अधीक्षक को कैदियों को पैरोल या फरलो देने के लिए मामलों की सिफारिश जिला मजिस्ट्रेट से करने का अधिकार देता है. इसी अधिकार के तहत सुनील सांगवान ने 6 बार राम रहीम की सिफारिश की थी.
सांगवान 2002 में हरियाणा जेल विभाग में हुई थी तैनाती…
बता दें कि सुनील सांगवान साल 2002 में हरियाणा जेल में तैनात हुए थे. वहीं 2017 से 2022 तक रोहतक जेल के अधीक्षक रहे इसी दौरान उन्होंने राम रहीम को 6 बार परोल दी. बता दें कि इसी दौरान अगस्त 2017 में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को पंचकूला में हिसार के बाद रोहतक जेल लाया गया था. बाद में सीबीआई कोर्ट के विशेष जज जगदीप सिंह ने जेल में कोर्ट स्थापित कर 2 साध्वियों से यौन शोषण मामले में 10-10 साल की सजा सुनाई थी. पत्रकार रामचंद्र छत्रपति हत्याकांड और डेरा के पूर्व प्रबंधक रणजीत सिंह की हत्या में गुरमीत राम रहीम को उम्रकैद की सजा हुई.
पिता की राह चल पड़ा बेटा, सांगवान के पिता रहे हरियाणा सरकार में मंत्री
गौरतलब है कि चरखी दादरी से बीजेपी उम्मीदवार पूर्व जेल अधीक्षक सुनील सांगवान के पिता सतपाल सांगवान, भूपेंद्र सिंह हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते हुए हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं. वे चरखी दादरी से 6 बार विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं. हालांकि जीत सिर्फ 2 बार ही मिली थी. सतपाल सांगवान राजनीति में आने से पहले बीएसएनएल में सब डिवीजनल अधिकारी थे और पद से इस्तीफा देकर राजनीति में आए थे. अब बेटा भी वीआरएस लेकर राजनीति में अपनी किस्मत आजमाने आ गया है.
सांगवान परिवार का डेरा से है पुराना नाता…
Journalist Cafe से बातचीत वरिष्ठ में पत्रकार वेद प्रकाश मिश्रा ने बताया कि डेरा प्रमुख से सांगवान परिवार का पुराण नाता रहा है. इसलिए यह परिवार हमेशा से डेरा का सच्चा भक्त रहा और इसलिए सेवा में कोई कमी नहीं करता है. इतना ही नहीं यहां से चुनाव लड़ने वालों के लिए डेरा प्रमुख का सहारा लेना पड़ता है. इतना ही नहीं यह भी कहा जाता है कि यहां से चुनाव लड़ने से पहले लोग डेरा प्रमुख को साधते हैं जिससे चुनाव में आसानी से जीत हासिल हो सके.
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डेरा से भक्तों को जारी होता है आदेश…
हरियाणा से पत्रकार गुलशन चावला ने बताया कि चुनाव से पहले डेरा से अपने भक्तों के लिए निर्देश जारी किया जाता है. निर्देश में किस पार्टी और किस उम्मीदवार का समर्थन किया जाना है इसको तय किया जाता है, जिससे कि उम्मीदवार को आसानी से जीत मिल सके.