ईरान में हिजाब के विरोध में छात्रा हुई नग्न, गिरफ्तार
गायब बताई जा रही है लड़की
नई दिल्ली: एक ईरानी लड़की को युनिवेर्सिटी कैंपस में कपडे उतार कर नग्न होने के मामले में गिरफ्तार कर लिया गया है. इस घटना का वीडियो तेजी से सोशल मीडिया में वायरल है. बताया जा रहा है कि यह घटना शनिवार की है जहां लड़की ने देश के सख्त इस्लामी ड्रेस कोड के खिलाफ विरोध में अपने कपड़े उतारे. वहीं कुछ रिपोट्स में यह भी कहा गया कि लड़की के साथ मोरैलिटी पुलिस ने गलत बर्ताव किया जिसके विरोध में उसने यह कदम उठाया.
ईरानी पत्रकार ने इस सम्बन्ध में किया पोस्ट…
बता दें कि इस मामले में एक ईरानी पत्रकार मसीह अलीनेजाद ने ट्विटर में पोस्ट किया और लिखा कि- ईरान में,यूनिवर्सिटी मोरैलिटी पुलिस ने ‘अनुचित’ हिजाब के कारण एक छात्रा को परेशान किया लेकिन उसने पीछे हटने से इनकार कर दिया. उसने अपने शरीर को विरोध में बदल दिया, अपने कपड़े उतार दिए और कैंपस में मार्च किया – एक ऐसी व्यवस्था को चुनौती दी जो लगातार महिलाओं के शरीर को नियंत्रित करती है. उसका यह कृत्य ईरानी महिलाओं की आजादी की लड़ाई की एक शक्तिशाली याद होगी. हां, हम अपने शरीर का इस्तेमाल हथियार की तरह करते हैं ताकि एक ऐसी व्यवस्था से लड़ सकें जो महिलाओं को उनके बाल दिखाने के लिए मार देती है.
मानसिक दबाव में थी छात्रा…
बताया जा रहा है कि उत्तरी तेहरान में स्थित इस्लामिक आजाद यूनिवर्सिटी की साइंस और रिसर्च ब्रांच में एक छात्रा द्वारा की गई अभद्र हरकत के बाद, परिसर की सुरक्षा ने कदम उठाए और उसे कानून प्रवर्तन अधिकारियों को सौंप दिया. जांच में पता चला कि लड़की की मानसिक हालात ठीक नहीं थी.
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वर्षों पुराना है हिजाब का मामला…
बता दें कि ईरान में हिजाब का मामला काफी पुराना है. 8 जनवरी 1936 को रजा शाह ने कश्फ-ए-हिजाब लागू किया. यानी अगर कोई महिला हिजाब पहनेगी तो पुलिस उसे उतार देगी. 1941 में शाह रजा के बेटे मोहम्मद रजा ने शासन संभाला और कश्फ-ए-हिजाब पर रोक लगा दी . उन्होंने महिलाओं को अपनी पसंद की ड्रेस पहनने की अनुमति दी. इसके बाद 1963 में मोहम्मद रजा शाह ने महिलाओं को वोट देने और संसद के लिए चुने जाने का अधिकार दिया. 1967 में ईरान के पर्सनल लॉ में सुधार हुआ और महिलाओं को बराबरी के हक मिले.
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2022 से जारी है हिजाब के खिलाफ विरोध…
गौरतलब है कि सितंबर, 2022 के बाद से ईरान में अलग-अलग तरह से हिजाब के ख़िलाफ़ भारी विरोध प्रदर्शन होते रहे हैं. सितंबर, 2022 में ईरान की मोरैलिटी पुलिस ने महसा अमीनी नाम की एक ईरानी-कुर्द लड़की को हिजाब के उल्लंघन के लिए हिरासत में लिया था. बाद में उस लड़की की मौत हो गई. ईरान पुलिस पर आरोप लगे कि उन्होंने महसा की ‘कस्टोडियल हत्या’ की है.