बीएचयू में रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ फिर मारपीट, अस्पताल में हड़ताल से बिगड़े हालात

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-पूर्वांचल की लाइफ लाइन है अस्पताल

-रेजिडेंट डॉक्टरों ने इमरजेंसी और ओपीडी सेवा ठप कर दी

-मरीज कर रहे हैं भारी परेशानी का सामना

 

वाराणसी में पूर्वांचल की लाइफ लाइन माने जाने वाले बीएचयू के सर सुन्दरलाल अस्पताल में मरीजों की जान सांसत में है।

वजह है रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल।

रविवार को अस्पताल परिसर में हुई मारपीट की घटना के बाद रेजिडेंट डॉक्टरों ने इमरजेंसी और ओपीडी सेवा ठप्प कर दी।

इसकी वजह से मरीजों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।

बैरंग लौट रहे हैं मरीज

ग़ाज़ीपुर की रहने वाली भावना अपने पिता के इलाज के लिए सोमवार की सुबह बीएचयू पहुंची।

लेकिन उन्हें मायूसी हाथ लगी।

ओपीडी सेवा ठप्प था, लिहाजा उन्होंने प्राइवेट अस्पताल का रुख किया।

भावना की तरह बिहार के भभुआ जिला के रहने वाले दिनेश भी अपनी मां के इलाज के लिए भटकते रहे।

रेजिडेंट डॉक्टरों के अनुसार रविवार को कैम्पास के की पांच छात्रों ने रेजिडेंट और जूनियर डॉक्टरों के ऊपर जानलेवा हमला किया।

बताया जा रहा है कि हमलावरों का कोई रिश्तेदार अस्पताल में भर्ती है, जिसके इलाजे के लिए रेजिडेंट डॉक्टरों से उनकी बहस हुई थी।

मारपीट करने वाले छात्रों के खिलाफ लंका थाने में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।

डॉक्टरों की मांग है कि जब तक आरोपियों की गिरफ्तारी नहीं होती हड़ताल जारी रहेगी।

मारपीट की घटनाओं से गुस्से में डॉक्टर

जनरल मेडिसिन के डॉक्टर जयदीप कहते हैं कि अब इस माहौल में कामनकरना मुश्किल है।

जूनियर और रेजिडेंट डॉक्टरों के साथ आये दिन मारपीट की घटना होती रहती है।

डॉक्टरों की सुरक्षा का कोई ठोस प्लान बनाया जाए ताकि हम अपने आपको सुरक्षित महसूस करें।

वैसे भी मारपीट की ये कोई पहली घटना नहीं है, इसके पहले भी कैम्पस में इस तरह घटनाएं हो चुकी हैं।

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