भगोड़े विजय माल्या पर कड़ा एक्शन, तीन साल के लिए शेयर बाजार से किया गया बैन…

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भगोड़ा घोषित विजय माल्या पर बड़ी कार्रवाई की गयी है, यह कार्रवाई शेयर बाजार रेगुलेटर की तरफ से हुई है. जिसमें सेबी ने विजय माल्या (भगोड़े कारोबारी) को सिक्योरिटी मार्केट्स से बैन किये जाने के साथ ही उसे तीन साल के लिए किसी भी लिस्टिड कंपनी से जुड़ने से भी रोक दी है. सेबी ने यूबीएस एजी के साथ विदेशी बैंक अकाउंट्स का इस्तेमाल करके भारतीय सिक्योरिटी मार्केट में धन भेजने के मामले में यह कार्रवाई की है. भारत सरकार माल्या को उनकी अब बंद हो चुकी कंपनी किंगफिशर एयरलाइंस से संबंधित धोखाधड़ी के आरोपों से बचाने के लिए ब्रिटेन से प्रत्यर्पित करने की कोशिश कर रही है. वही बता दें कि, माल्या मार्च 2016 से ब्रिटेन में है.

जाने किस माध्यम से विदेश भेजा जा रहा था पैसा?

भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने जनवरी 2006 से मार्च 2008 तक की जांच में पाया कि माल्या ने अपने ग्रुप की कंपनियों हर्बर्टसन लिमिटेड और यूनाइटेड स्पिरिट्स लिमिटेड (यूएसएल) के शेयरों का गोपनीय कारोबार करने के लिए विदेशी संस्थागत निवेशक मैटरहॉर्न वेंचर्स का उपयोग किया था. इसके लिए धन को कई विदेशी खातों में भेजा जा रहा था. पूर्व शराब कारोबारी माल्या ने मैटरहॉर्न वेंचर्स का उपयोग करके यूबीएस एजी के साथ कई खातों के माध्यम से भारतीय प्रतिभूति बाजार में धन लगाया था, अपनी असली पहचान छिपाने के लिए उसने कई विदेशी संस्थाओं का उपयोग किया.

सेबी ने अपने आदेश में कही ये बात

जारी किए गए आदेश में सेबी ने कहा है कि, ”मैटरहॉर्न वेंचर्स को हर्बर्टसन में गलत ढंग से गैर-प्रवर्तक सार्वजनिक शेयरधारक के रूप में सूचीबद्ध किया गया था, जबकि इसकी 9.98 प्रतिशत शेयरधारिता प्रवर्तक श्रेणी की थी. सेबी की मुख्य महाप्रबंधक अनीता अनूप ने अपने 37-पेज के आदेश में कहा कि इस मामले में नोटिस पाने वाले (माल्या) ने अपनी पहचान छिपाने और नियामकीय मानदंडों की अवहेलना करते हुए भारतीय प्रतिभूति बाजार में कारोबार के लिए एफआईआई मार्ग अपनी विदेशी संबंधित कंपनियों का उपयोग किया.’

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इस तरह उन्होंने अपने ही समूह की कंपनियों के शेयरों में अप्रत्यक्ष रूप से कारोबार करने की योजना बनाई है. उनका कहना था कि माल्या की यह कार्रवाई न केवल फर्जीवाड़ा और झूठ है, बल्कि प्रतिभूति बाजार की एकता को भी खतरा है. ऐसे हालात में माल्या को प्रतिभूति बाजार में प्रवेश करने से सेबी ने रोका है. उन्हें तीन साल तक किसी सूचीबद्ध फर्म में शामिल होने से रोक दिया गया.

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