क्या हॉटस्पॉट सील करके लॉकडाउन खोलेगी सरकार?
17 मई के बाद देशव्यापी लॉकडाउन की जगह हॉटस्पॉट पर हो सकता है फोकस!
नयी दिल्ली: क्या सरकार की रणनीति Strategy है कि 17 मई के बाद लॉकडाउन में ढील के साथ हॉटस्पॉट सील करके बाकी गतिविधियों की इजाजत दी जाये? इस बाबत कयासों का बाजार गर्म है।
दूसरी ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को देश के सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ 5वीं बार कोरोनावायरस संक्रमण के मुद्दे पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे।
आगे की Strategy बनाने पर चर्चा संभव
इस बैठक में कोविड-19 संक्रमण से निपटने को लेकर आगे की Strategy बनाने पर चर्चा संभव है।
इससे पहले भी मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन को बढ़ाने की वकालत की थी। माना जा रहा है कि अब भी कई राज्य इसे बढ़ाने के पक्ष में हैं। वहीं तेलंगाना पहले ही 29 मई तक लॉकडाउन बढ़ा चुका है।
पीएमओ इंडिया ने ट्वीट में लिखा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कल (सोमवार) अपराह्न् तीन बजे राज्य के मुख्यमंत्रियों के साथ वीडियो-कॉन्फ्रेंस के जरिए 5वीं बैठक करेंगे।”
आगे की Strategy बनाने पर चर्चा संभव
सूत्रों ने कहा कि चूंकि 17 मई को लॉकडाउन 3.0 समाप्त हो रहा है, ऐसे में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ाने और कन्टेनमेंट जोन में महामारी से निपटने को लेकर बैठक में चर्चा होगी।
यह कोरोना वायरस का तीसरा चरण चल रहा है। लोगों के मन में एक ही सवाल है कि आखिर 17 मई के बाद क्या लॉकडाउन खत्म होगा। सूत्रों के मुताबिक देशव्यापी लॉकडाउन अब आगे का रास्त नहीं है बल्कि हॉटस्पॉट को सील करके बाकी हिस्से में आर्थिक गतिविधियों को छूट दी जा सकती है।
देश को बड़ा आर्थिक नुकसान
कोरोना संक्रण को रोकने के लिए देश में 24 मार्च से 17 मई तक लॉकडाउन लगाया गया है। हालांकि इस लॉकडाउन से देश को बड़ा आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा है, साथ ही लोगों के रोजगार भी छिन गए हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर 17 मई के बाद सरकार क्या कदम उठाने वाली है? क्या अब लॉकडाउन को खत्म किया जाएगा या प्रतिबंध अब भी जारी रहेंगे? सूत्रों के मुताबिक सरकार अब पूरे जिले या शहर में प्रतिबंध लगाने की जगह केवल हॉटस्पॉट को ही सील करने की Strategy अपनायेगी।
मजदूरों की कमी से नहीं हो पा रही मैन्युफैक्चरिंग
कोरोना संकट के इस समय में आर्थिक गतिविधियों को गति देने का यही तरीका जानकार भी बता रहे हैं कि कन्टेनमेंट जोन के अलावा बाकी जगहों पर आर्थिक गतिविधियां शुरू कर दी जाएं। सरकार पहले भी इकॉनमी को रफ्तार देने के लिए कई तरह की ढील दे चुकी है। इसमें निर्माण, मैन्युफैक्चरिंग और रीटेल ऐक्टिविटीज शामिल हैं। कुछ राज्यों ने कोविड को फैलने से रोकने के लिए बड़े हिस्से में प्रतिबंध लागू किए हैं। मजदूरों की कमी की वजह से भी कई जगहों पर आर्थिक गतिविधियां शुरू नहीं हो पा रही हैं।
गुड्स मूवमेंट भी ज्यादा नहीं हो रहा
सूत्रों का कहना है कि मजदूरों की कमी, मैन्युफैक्चरिंग में गिरावट की वजह से गुड्स मूवमेंट भी ज्यादा नहीं हो रहा है। लॉकडाउन शुरू होने से पहले 22 लाख तक ई-वे बिल कटते थे जो कि अब महज 6 लाख रह गए हैं। लॉकडाउन की शुरुआत में तो यह संख्या महज 3.2 लाख ही रह गई थी। पिछले तीन सप्ताह में दोगुने की वृद्धि दर्ज की गई है। यह एक सकारात्मक संकेत है।
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