वाराणसी नगर निगम का अजब खेल – पहले भेजा नोटिस, विवाद होने पर हटाया

श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के पास जर्जर मकान गिरने से हुए हादसे के बाद जर्जर भवनों को नोटिस जारी किया जा रहा है.

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वाराणसी के नगर निगम में भी अजब गजब खेल चल रहा है. पिछले दिनों भारी बारिश के दौरान श्रीकाशी विश्वनाथ धाम के पास जर्जर मकान गिरने से हुए हादसे के बाद जर्जर भवनों को नोटिस जारी किया जा रहा है. इसी क्रम में नगर निगम की ओर से विश्वनाथ धाम से सटे अन्नपूर्णा मठ मंदिर पर भी नोटिस चस्पा कर दिया गया. नोटिस के अनुसार मंदिर और अन्नक्षेत्र को 24 घंटे के अंदर खाली करने का निर्देश दिया गया था. शुक्रवार को नोटिस चस्पा होने के बाद बवाल शुरू होने लगा. विवाद के बीच 6 घंटे बाद उस नोटिस को हटवा दिया गया. अन्नपूर्णा मंदिर के महंत शंकर पुरी का कहना था कि बिना किसी सर्वे या सूचना के नोटिस जारी कर दिया गया था. नोटिस चस्पा होने की खबर जैसे ही फैली तो मामला गरमा गया. नोटिस को निगम के कर्मचारियों ने अन्नपूर्णा मंदिर के प्रवेश द्वार पर चिपकाया था.

भवन गिरने की जताई गयी आशंका

नगर निगम के अधिकारियों की ओर से जारी नोटिस में पूर्व महंत स्व. रामेश्वर पुरी व वर्तमान महंत शंकर पुरी को संबोधित करते हुए कहा गया था कि आपका भवन अत्यंत जर्जर हो चुका है और कभी भी गिरने की आशंका है. इससे जान-माल की क्षति हो सकती है. इस संबंध में पूर्व में भी इस कार्यालय की ओर से 14 जून 2021 को नोटिस दिया जा चुका है. नोटिस मिलने के 24 घंटे के अंदर उक्त जर्जर भवन को खाली कर दें. यदि भवन खाली नहीं करते हैं और भवन गिरने से जानमाल की क्षति होती है तो इसकी पूरी जिम्मेदारी भवन स्वा मी की होगी.

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अन्नपूर्णा मंदिर के महंत ने बताया कि अन्नक्षेत्र का निर्माण 1998 में कराया गया था. बीम और पिलर पर पूरा भवन निर्मित है. वहीं, अन्नपूर्णा मंदिर तो प्राचीन है लेकिन 1990 में उसकी मरम्मत कराई गई थी. इस दौरान उसमें डेढ फीट की बीम और दो बाई ढाई फीट का पिलर भी लगवाया गया है.

कार्यशैली पर सवाल

मठ के प्रबंधक काशी मिश्रा ने बताया कि बिना किसी सर्वे के ही नोटिस जारी कर दिया गया है. यह नगर निगम की कार्यशैली पर सवालिया निशान है. मठ मंदिर तो अभी बेहतर स्थिति में है और नगर निगम की ओर से नोटिस जारी कर दिया गया. वहीं हमारे दो भवन पूरी तरह से जर्जर हैं लेकिन आज तक नगर निगम ने कोई नोटिस नहीं भेजा है. मठ, मंदिर और अन्नक्षेत्र की किसी भी दीवार में एक दरार तक नहीं है. मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि बिना किसी जांच और सर्वे के नगर निगम ने किस आधार पर नोटिस जारी कर दिया है.

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इस मामले में उच्चाधिकारियों से बात की जाएगी. उन्होंने बताया कि मकान नंबर डी 9/1 के बगल वाला भवन और विश्वनाथ गली में मकान नंबर 11/21 पूरी तरह से जर्जर है. यह दोनों भवन अन्नपूर्णा मंदिर की ही संपत्ति है. दशाश्वमेध जोन के अवर अभियंता दिनेश प्रसाद ने बताया कि नोटिस भेजा गया था लेकिन बाद में भवन की स्थिति बेहतर होने के कारण नोटिस को हटवा दिया गया है.

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