बीते 3 जून को कानपुर में जुमे की नमाज़ के बाद भड़की हिंसा को लेकर उपद्रवियों पर यूपी सरकार सख्ती दिखा रही है. सरकार ने कानपुर पुलिस और जिला प्रशासन को आदेश दिए हैं कि हिंसा में शामिल लोगों को चिन्हित कर उन पर कठोर कार्रवाई की जाए. सरकारी आदेश के बाद अब हिंसा में सम्मिलित उपद्रवियों की लिस्ट तैयार की जा रही है. सूत्रों के मुताबिक, लिस्ट में चिन्हित हिंसा करने वाले उपद्रवियों को अब सरकार की मुफ्त राशन योजना का लाभ मिलना बंद हो जाएगा.
प्रशासनिक अधिकारी ने बताया ‘फिलहाल इस लिस्ट को तैयार करने में अभी कुछ समय लगेगा, क्योंकि यह लंबी प्रक्रिया है. जिसके तहत पोस्टर में दिख रहे चेहरों का मिलान करने में कुछ वक्त लग सकता है. इस मामले में जिला प्रशासन 100 से अधिक सीसीटीवी वीडियो में दिख रहे उपद्रवियों की जांच कर रहा है.’
बता दें कानपुर पुलिस ने हिंसा के सिलसिले में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े तीन लोगों सहित कुल 54 लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं, पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा के कथित मास्टरमाइंड जावेद अहमद, मोहम्मद सुफियान और मोहम्मद साहिल ने एटीएस यानी एंटी टेररिज्म स्क्वाड और एसआईटी की पूछताछ में कई बड़े खुलासे किए हैं. पुलिस सूत्रों के मुताबिक, जफर ने बताया कि कानपुर में 3 जून को हुए उपद्रव के लिए तैयारी कई दिनों से चल रही थी. इसके लिए पास के उन्नाव जिले से भी लोगों को बुलाया गया था और क्राउडफंडिंग के जरिये पैसे भी जुटाए गए थे.
ज्ञात हो कि भाजपा की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने ज्ञानवापी मुद्दे पर एक अंग्रेजी चैनल पर बहस के दौरान पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ कथित रूप से आपत्तिजनक टिप्पणी किया था. इसके बाद से कानपुर में हिंसा भड़की थी.