बौद्ध धर्म शांति और अहिंसा सिखाता है, ये सीख आज भी प्रसांगिक है : प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आषाढ़ पूर्णिमा के मौके पर भगवान बुद्ध की आठ शिक्षाओं का जिक्र किया है। उन्होंने कहा कि आज दुनिया कठिन चुनौतियों से लड़ रही है। इन चुनौतियों के लिए स्थायी समाधान भगवान बुद्ध के आदर्शों से आ सकते हैं।
उन्होंने कहा कि वे अतीत में प्रासंगिक थे, वर्तमान में प्रासंगिक हैं और भविष्य में भी प्रासंगिक बने रहेंगे। प्रधानमंत्री मोदी आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर अंतर्राष्ट्रीय बौद्ध परिसंघ द्वारा आयोजित समारोह में बोल रहे थे।
I am very hopeful about the 21st century.
This hope comes from my young friends.
Our youth.
If you want to see a great example of how hope, innovation and compassion can remove suffering, it is our start-up sector led by our youth: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2020
भगवान बुद्ध द्वारा दी गई सीख आज भी प्रसांगिक- PM
इस मौके पर प्रधानमंत्री ने भगवान बुद्ध द्वारा दिखाए गए आठ गुना पथ पर जोर देते हुये कहा कि भगवान बुद्ध द्वारा दिखाए गए आठ मार्ग कई समाजों और राष्ट्रों को कल्याण की दिशा में रास्ता दिखाता है। यह करुणा और दया के महत्व पर प्रकाश डालता है। उन्होंने कहा कि बौद्ध धर्म लोगों को आदर करना, गरीबों के प्रति आदर रखना, महिलाओं को आदर देना, शांति और अहिंसा रखना सीखाता है इसलिए भगवान बुद्ध द्वारा दी गई सीख आज भी प्रसांगिक है।
आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सभी को पीएम ने दी शुभकामनाएं
आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर सभी को शुभकामनाएं देते हुये प्रधानमंत्री ने कहा कि आज का दिन गुरु पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। यह हमारे गुरुओं को याद करने का दिन है, जिन्होंने हमें ज्ञान दिया।
In his very first sermon in Sarnath,
And his teachings
after that,Lord Buddha spoke on two things- hope and purpose.
He saw a strong link between them.
From hope comes a spirit of purpose: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2020
इससे पहले आषाढ़ पूर्णिमा के अवसर पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज राष्ट्रपति भवन में धर्म चक्र दिवस का उद्घाटन किया जिसके बाद केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने आयोजित धर्म चक्र दिवस समारोह को संबोधित किया। इस मौके पर मंगोलिया के राष्ट्रपति का एक विशेष संबोधन भी पढ़ा गया।
Buddhism teaches respect.
Respect for people.
Respect for the poor.
Respect for women.
Respect for peace and
non-violence.Therefore, the teachings of Buddhism are the means to a sustainable planet: PM @narendramodi
— PMO India (@PMOIndia) July 4, 2020
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