वाराणसी के 14 वर्ष पुराने मामले में प्रदेश कांग्रेस अजय राय को नही मिली राहत
यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय पर संकट के बादल मंडराने वाले हैं. वर्ष 2010 में वाराणसी में दर्ज गैंगस्टर एक्ट केस में सुप्रीम कोर्ट से उन्हें राहत नहीं मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार यानि 25 जून को इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया. इसके साथ ही अदालत ने यूपी सरकार को नोटिस भी जारी किया है. इस मामले की अगली सुनवाई अब 15 जुलाई को होगी.
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मायावती के शासनकाल में लगा था गैंगस्टर एक्ट
वर्ष 2010 में मारपीट और उपद्रव से जुड़े एक मामले में तत्कालीन मुख्यमंत्री मायावती की सरकार ने अजय राय के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट की धारा लगवाई थी. बता दें कि हाईकोर्ट ने भी इस केस को रद्द करने से मना कर दिया था और कहा था कि अजय राय पर 27 आपराधिक केस दर्ज हैं. हाई कोर्ट से राहत न मिलने के बाद वह सुप्रीम कोर्ट गए थे. इसी आधार पर हाईकोर्ट ने उन्हें राहत देने से इन्कार कर दिया था.
वाराणसी के चेतगंज थाने में हुई थी एफआईआर
अजय राय और चार अन्य के खिलाफ 14 वर्ष पहले वाराणसी के चेतगंज थाने में एफआईआर दर्ज हुई थी. वर्ष 2010 में आईपीसी की धारा 147, 148, 448, 511, 323,504, 506, 120 बी और सेक्शन 7 आफ क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट, और सेक्शन 3(1) यूपी गैंगस्टर एक्ट एंड एंटी सोशल एक्टिविटीज प्रीवेंशन एक्ट में एफआईआर दर्ज हुई थी. इस मामले में जांच पूरी करने के बाद पुलिस ने 28 अक्टूबर 2011 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर दी थी.
वाराणसी की MP-MLA स्पेशल कोर्ट में चल रहा केस का ट्रायल
बता दें कि इस मामले में वाराणसी की एमपी एमएलए स्पेशल कोर्ट में केस का ट्रायल चल रहा है. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय की याचिका में ट्रायल कोर्ट में चल रही प्रोसिडिंग को रद्द करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि याची के खिलाफ 27 मुकदमों का आपराधिक इतिहास है. कोर्ट ने कहा की ट्रायल कोर्ट में चल रही कार्यवाही को रद्द करने का कोई पुख्ता आधार नहीं है.