श्रीलंका में बाढ़ और भू-स्खलन से मौत का कहर
श्रीलंका में प्राकृतिक आपदा का कहर देखने को मिला हैं। जहां आपदा प्रबंधन केंद्र का कहना हैं कि भारी बारिश, बाढ़ और भू-स्खलन से मृतकों की संख्या बढ़कर लगभग 92 हो गई है और 110 से ज्यादा लोग लापता हैं, वहीं 52,000 लोगों को विस्थापित होना पड़ा है। मौसम विभाग ने अगले 24 घंटों की चेतावनी दी है कि अभी बारिश और बाढ़ के हालात और ख़राब हो सकते हैं। जिसे देखते हुए मरने वाले की संख्या और बढ़ने की आंशका ज़ताई जा रही हैं। विदेश मंत्रालय की ओर से जारी बयान के अनुसार, “विदेश मंत्रालय ने देश के कई हिस्सों में बाढ़ से बचाव एवं राहत कार्यो के लिए आपातकाल रिस्पांस इकाई को सक्रिय कर दिया है।” “मंत्रालय ने इस संदर्भ में आपदा प्रबंधन मंत्रालय के साथ मिलकर संयुक्त राष्ट्र, अंतर्राष्ट्रीय तलाश एवं बचाव एडवाइजरी समूह (आईएनएसएआरएजी) और पड़ोसी देशों से मदद की अपील की है।”
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दक्षिण-पश्चिम मानसून श्रीलंका में क़हर बनकर टूटा हैं। 1970 के बाद पहली बार ऐसी भारी बारिश देखी गई है। इससे 7 जिलों के लगभग 20,000 लोग बुरी तरह उजड़ गये हैं। कई घर तबाह हो गए हैं। सड़कें टूट गई हैं। बिजली की लाइनें ध्वस्त हो गई है। कई इलाकों तक तो पहुंच पाना भी संभव नही हो पा रहा हैं। कई इलाकों में तो 600 मिलीमीटर तक की बारिश हो चुकी है। मौसम विभाग के प्रमुख आरएस जयसेकरा ने बताया कि बारिश की स्थिति 30 मई के आसपास फिर से ख़राब हो सकती हैं। श्रीलंका में राहत और बचाव कार्यों के लिए भारतीय नौसेना भी प्रयास कर रही हैं।