स्पेन की मारिया का बनारस में जलवा, हासिल की ये खास उपलब्धि…
धर्म और अध्यात्म की राजधानी कही जाने वाली काशी में स्पेन की मारिया के चर्चे हो रहे हैं। फर्राटे से स्पेनिश, जर्मन और अंग्रेजी बोलने वाली मारिया ने अब संस्कृत भाषा में अपना झंडा बुलंद किया है।
संस्कृत के प्रति लगाव ने उन्हें तीन साल में भारत आने पर मजबूर किया। संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय से आचार्य की पढ़ाई की। मंगलवार को सूबे की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने उन्हें दीक्षांत समारोह के दौरान स्वर्ण पदक से नवाजकर उनका मान बढ़ाया।
संस्कृत को बताया सभी भाषाओं का उद्गम-
मारिया ने तीन साल पहले सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय में शास्त्री में दाखिला लिया. शास्त्री के बाद आचार्य की पढ़ाई शुरू की। हिंदी और संस्कृत भाषा के अलावा स्पेनिश, इंग्लिश, जर्मन और इटैलियन भाषा की जानकार मारिया ने इसे अपना सौभाग्य बताया और कहा कि सभी विषयों का उद्गम संस्कृत में है, इसलिए भारत आयी और काशी में संस्कृत विश्वविद्यालय में एडमिशन लिया।
गुरुजनों को अपनी सफलता का श्रेय देते हुए मारिया ने संस्कृत विश्वविद्यालय को मां का दर्जा दिया। मारिया ने कहा कि आज गुरुओं के आशीर्वाद से मेरा आचार्य का कोर्स खत्म हुआ और उन्ही के आशीर्वाद से हमें गोल्ड मेडल भी मिला है। बहुत खुश हूं कि जिस कार्य के लिए आयी थी भारत वो आज संपन्न हुआ और उत्तर प्रदेश की राज्यपाल के हाथों गोल्ड मेडल मिला।
मारिया पर हुई मेडल की बरसात-
दीक्षांत समारोह के दौरान गर्वनर आनंदीबेन पटेल ने मेधावियों को स्वर्ण पदक दिया। सबसे अधिक 10 मेडल छात्रा मीना कुमारी को मिले। कोविड 19 की गाइडलाइन को देखते हुए ऐतिहासिक भवन में करीब 200 लोगों के बैठने की व्यवस्था की गई थी। इस दौरान कुल 29 मेधावियों को 57 मेडल मिले, जिसमें 24 छात्र और 6 छात्राएं हैं। वहीं 17,244 छात्र-छात्राओं को प्रथमा से लेकर पीएचडी की उपाधि दी गई।
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