आगजनी में भाई समेत सपा विधायक को सात साल की सजा
कानपुर के जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी में नवम्बर 2002 को हुई थी घटना
कानपुर के जाजमऊ आगजनी मामले में समाजवादी पार्टी के विधायक इरफ़ान सोलंकी को शुक्रवार को एमपी/एमएलए कोर्ट ने सजा का एलान कर दिया है. इरफ़ान सोलंकी को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है. इतना ही नहीं कोर्ट ने सोलंकी समेत उनके भाई और साथी शौकत अली को भी सजा सुनाई है.
नवंबर 2022 का है मामला…
बता दें कि यह मामला नवंबर 2022 का है. यहां जाजमऊ की डिफेंस कॉलोनी स्थित एक प्लॉट में रहने वाली नजीर फातिमा के घर में आग लग गई थी. इसके बाद नजीर ने सपा विधायक इरफान सोलंकी, उनके भाई रिजवान सोलंकी व उनके साथियों पर आग लगाने का आरोप लगाया था. काफी समय के बाद 3 जून को कोर्ट ने आगजनी, नुकसान पहुंचाने, मारपीट व जान से मारने की धमकी के आरोप में दोषसिद्ध किया था.
हुई थी कम से कम सजा देने की मांग
बता दें कि, इरफ़ान सोलंकी को कम से कम सजा की मांग की गई, लेकिन कोर्ट ने इन्हें सात साल की सजा सुनाई है. कहा गया कि इरफ़ान अभी विधायक है, इसलिए इनको कम से कम सजा दी जाए. लेकिन यह भी कहा जा रहा है कि वादिनी पीड़िता और गरीब है, वह बेघर भी है इसलिए जुर्माने की अधिकतम राशि पीड़िता को दी जाए.
आरोपित बोले-बेगुनाही की काट रहे सजा
आज सजा की सुनवाई के लिए रिजवान समेत सभी आरोपितों को कोर्ट लाया गया, जहां रिजवान ने कहा कि हम दोनों भाई बेगुनाही की सजा काट रहे हैं. ऊपर वाला इंसाफ करेगा. केडीए सरकारी संस्था है और हमने केडीए से प्लॉट खरीदा. कहा कि इंसाफ होकर रहेगा, ये फर्जी मुकदमा है.
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फैसले के लिए शाम छह बजे का समय था निर्धारित
वहीं, शौकत की ओर से अधिवक्ता रवींद्र वर्मा ने तर्क रखा कि बुजुर्ग हैं. 65 साल की उम्र है सजा में रहम बरता जाए. फातिमा की ओर से अधिवक्ता चंद्रभान शर्मा ने गरीब होने का तर्क दिया. दोनों पक्षों को सुनने के बाद कोर्ट ने फैसले के लिए शाम छह बजे का समय निर्धारित किया था.