संविधान में बदलाव के बयान पर सपा प्रमुख ने इस भाजपा नेता और पार्टी को घेरा

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भारतीय जनता पार्टी ने मशहूर धारावाहिक रामायण में प्रभु राम की भूमिका निभाने वाले अभिनेता अरुण गोविल को भी टिकट दिया है. लोकसभा चुनाव 2024 में वह उत्तरप्रदेश की मेरठ लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र से उम्मीदवार बनाया है. वहीं सोशल मीडिया पर उनका एक बयान जमकर वायरल हो रहा है. बयान में उन्होंने संविधान में बदलाव होने को लेकर बोला है. वहीं उनके इस बयान के बाद सपा प्रमुख अखिलेश यादव भाजपा और पीएम मोदी पर हमलावर हो गये हैं.

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संविधान में बदलाव कोई बुरी चीज नहीं

अभिनेता अरुण गोविल ने पत्रकारों के सवाल का जवाब देते हुए कहा कि अगर संविधान में सर्वसम्मति से बदलाव होता है तो कुछ होगा तो किया जाएगा. उनके इस बयान का वीडियो साझा कर सपा प्रमुख ने सवाल उठाए हैं. बता दें कि अरुण गोविल वीडियो में कह रहे हैं कि जब हमारे देश का संविधान बना था तबसे इसमें वक्त और परिस्थितियों के अनुसार बदलाव किये गये हैं. उन्होंने कहा कि बदलाव करना प्रगति की निशानी होती है, उसमें कोई खराब बात नहीं है. तब परिस्थितियां कुछ और थीं, आज की परिस्थितियां कुछ और हैं.

मोदी जी ऐसे ही नहीं कहते कोई बात

वहीं जब उनसे पूछा गया कि क्या 400 पार का नारा इसलिए दिया गया है क्योंकि सरकार का ऐसा कुछ बड़ा करने की इच्छा है? इसपर उन्होंने जवाब दिया कि वह ऐसा महसूस करते हैं क्योंकि मोदीजी ऐसे ही कोई बात नहीं कहते हैं. उसके पीछे कोई ना कोई अर्थ जरूर होता है. हालांकि उन्होंने कहा कि संविधान किसी एक व्यक्ति की मर्जी से नहीं बदलता है, सबकी सहमति होगी तब बदलाव किये जाएंगे.

संविधान में संशोधन और मूलभूत बदलाव का अंतर न समझने वालो को टिकट

मेरठ के भाजपा प्रत्याशी के बयान के बाद समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने प्रतिक्रिया दी है. अखिलेश यादव ने उनके वीडियो को साझा करते हुए अरुण गोविल को प्रत्याशी बनाए जाने को बीजेपी की भूल करार दे दिया है.
सपा प्रमुख ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि जो लोग संविधान में प्रगतिशील संशोधन करने और मूलभूत बदलाव करने के बीच का अंतर नहीं समझते, उन्हें टिकट देकर भाजपा ने भारी भूल की है, लेकिन फिर भी इससे ज़्यादा फ़र्क़ नहीं पड़ेगा क्योंकि जनता ने हर भाजपा प्रत्याशी को हराने का फ़ैसला पहले ही कर लिया है.

संविधान को बदलकर कुछ गिने-चुने खरबपतियों को मुनाफा देना चाहती है सरकार

अखिलेश यादव ने भाजपा को भी जमकर घेरा. उन्होंने आगे लिखा कि दरअसल भाजपा संविधान को पलटकर ग़रीबों, वचितों, शोषितों, किसानों, युवाओं और महिलाओं के हक़-अधिकार व आरक्षण मारकर और पूंजीपतियों के हक़ में नीति-योजना बनाकर, सारा फ़ायदा-मुनाफ़ा अपने खेमे के कुछ गिने-चुने खरबपतियों को दे देना चाहती है. जो चुनावी-चंदे के नाम पर अपने बेशुमार फ़ायदे का हिस्सा भाजपाइयों को दे देते हैं. सही मायनों में ये जनता से वसूली का तरीक़ा है क्योंकि कोई भी पूंजीपति अपनी जेब से नहीं देता है, वो तो जनता से ही वसूलकर भाजपाइयों के दल और उनका व्यक्तिगत ख़ज़ाना भरता है.
उन्होंने अपने लेख के अंत में लिखा कि इसीलिए अपने वर्तमान और भविष्य को बचाने के लिए उत्तर प्रदेश और देश की जनता, इस बार बहकावे में नहीं आनेवाली और भाजपा को हराकर और हटाकर ही दम लेगी. भाजपा हराओ, संविधान बचाओ! वहीं उन्होंने नहीं चाहिए भाजपा का हैशटैग भी दिया.

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