7 जुलाई को सोरेन लेंगे मुख्यमंत्री पद की शपथ, राज्यपाल ने दिया न्यौता
झारखण्ड: प्रदेश के सियासी गलियारों की चर्चा के बीच झारखण्ड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के इस्तीफ़ा देने के बाद पूर्व सीएम हेमंत सोरेन ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) एवं सहयोगी दलों कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेताओं के साथ आज राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की. बातचीत के बाद राज्यपाल ने हेमंत सोरेन को सरकार बनाने का न्यौता दिया. जानकारी के अनुसार हेमंत 7 जुलाई को मुख्यमंत्री पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे.
राजभवन से मिला सरकार बनाने का न्यौता…
राज्यपाल से मुलाकात के बाद झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन के नेताओं ने यह तो कहा कि राजभवन से सरकार बनाने का न्यौता दिया गया है लेकिन सरकार का गठन कब होगा इसको लेकर अभी कोई जानकारी नहीं है. जब सरकार का गठन होगा तब आप सभी को जानकारी दे दी जाएगी. इसके लिए हम लोगों ने पूरी प्रक्रिया कर ली है.
कल चंपई सोरेन ने दिया था सीएम पद से इस्तीफ़ा
झारखंड के मुख्यमंत्री चंपई सोरेन ने बुधवार 3 जुलाई को पद से इस्तीफ़ा दे दिया है. बता दें कि प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को एक मनी लॉन्ड्रिंग केस में गिरफ़्तार कर लिया था. उसके बाद चंपई सोरेन को झारखंड का सीएम बनाया गया था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि फरवरी में चंपई सोरेन ने मुख्यमंत्री का पद संभाला था.
तीसरी बार सीएम बन सकते हैं हेमंत सोरेन…
बता दें कि कथित जमीन घोटाले में गिरफ्तार हुए हेमंत सोरेन को अब हाई कोर्ट से जमानत मिल गई है. जमानत के बाद वह जेल से बाहर आ गए हैं. इतना ही नहीं सूत्रों से मिल रही जानकारी के अनुसार सोरेन तीसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बन सकते हैं. बताया जा रहा है कि झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन को गठबंधन के नेताओं ने अपना नेता चुन लिया है.
अयोध्या: राम मंदिर के पुजारियों की बदली गई ड्रेस, भगवा से हुई पीली…
कौन हैं चंपई सोरेन ?…
बता दें कि चंपई पार्टी के वरिष्ठ नेता हैं जिन्होंने सीबू सोरेन के साथ काम किया है. चंपई सोरेन जेएमएम के कोल्हान क्षेत्र के सबसे बड़े नेता रहे हैं. वह साल 1991 से विधायक चुनते आ रहे हैं. विपरित हालात में उन्होंने इसी साल फरवरी में राज्य की कमान संभाली थी. उनके मुख्यमंत्री बनने के दौरान पार्टी में टूट की भी चर्चा थी हालांकि उन्होंने सूझबूझ के साथ पार्टी को हेमंत सोरेन की अनुपस्थिति में संभाल कर रखा.