सोनिया गांधी को संसदीय दल का अध्यक्ष चुना गया, किया मोदी पर हमला
लोकसभा चुनाव नतीजों के बाद कांग्रेस संसदीय दल की बैठक शुरू हो गई है. इस बैठक में एक बार फिर सोनिया गाधी को संसदीय दल की चेयरपर्सन चुन लिया गया है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने उनके नाम का प्रस्ताव रखा जिसका सभी ने समर्थन किया. लेकिन इसी बीच एक मांग उठ रही है कि राहुल गांधी को लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष बनाया जाए.
नेता प्रतिपक्ष को लेकर सहमति नहीं…
बता दें कि बैठक में अभी तक नेता प्रतिपक्ष को लेकर कोई जानकारी सामने नहीं आई है. इसके चलते इस नाम पर मोहर नहीं लग पाई है. पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इसके लिए आपको थोड़ा इन्तजार करना होगा और उसका भी फैसला जल्द हो जाएगा. वहीं, सूत्रों से मिल रही जानकारी के मुताबिक पार्टी के बड़े नेता चाहते हैं कि राहुल गांधी नेता प्रतिपक्ष बने क्योंकि जिस तरह से राहुल गांधी ने लोकसभा चुनाव में मोदी का सामना किया है उससे लोकसभा में पार्टी का परिणाम दिखा है.
कई लोगों ने हमारे लिए शोक संदेश लिख डाले थेः सोनिया
संसदीय दल की नेता चुने जाने के बाद अपने संबोधन में सोनिया गांधी ने कहा कि कई लोगों ने हमारे लिए शोक संदेश लिख डाले थे, लेकिन मल्लिकार्जुन खरगे के दृढ़ नेतृत्व में हम डटे रहे. भारत जोड़ो यात्रा और भारत जोड़ो न्याय यात्रा वास्तव में ऐतिहासिक आंदोलन थे, जिन्होंने सभी स्तरों पर हमारी पार्टी को पुनर्जीवित किया. राहुल गांधी अभूतपूर्व व्यक्तिगत, राजनीतिक हमलों से लड़ने के लिए अपनी दृढ़ता और दृढ़ संकल्प के लिए विशेष धन्यवाद के पात्र हैं. सोनिया गांधी ने कहा कि संसद में कांग्रेस की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. इंडिया गठबंधन के साझेदारों की ताकत से भी हमें बल मिला है. कुछ की बहुत प्रभावी ढ़ंग से वापसी हुई है.
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मोदी की हुई है नैतिक हार…
सोनिया गांधी ने कहा कि हमें इस बात पर भी विचार करना चाहिए कि हम उन राज्यों में अपनी स्थिति कैसे सुधारें जहां हमारा प्रदर्शन हमारी अपेक्षाओं से बहुत कम रहा है. उन्होंने कहा कि केवल अपने नाम पर जनादेश मांगने वाले प्रधानमंत्री मोदी को राजनीतिक और नैतिक हार का सामना करना पड़ा है. प्रधानमंत्री मोदी ने वह जनादेश खो दिया है जिसकी उन्हें तलाश थी और इस तरह उन्होंने नेतृत्व का अधिकार भी खो दिया है.