यूपी के दामाद हैं एमपी के भावी मुख्यमंत्री, इस जिले में है ससुराल

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मध्य प्रदेश के होने वाले मुख्यमंत्री डा मोहन यादव का उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से खास रिश्ता है. उनकी शादी इसी जिले में हुई थी. मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा होते ही सुल्ता्नपुर के लोगों में भी एक बड़ा उत्साह देखने को मिल रहा है. नगर के ओमनगर निवासी सरस्वती विद्या मंदिर में शारीरिक शिक्षक (पीजीटी) विवेकानंद यादव के आवास पर जश्न का माहौल है. उनकी इकलौती छोटी बहन सीमा यादव के पति डा मोहन यादव ने शायद सपने में भी नहीं सोचा होगा कि उनके सिर पर एक दिन मध्यप्रदेश के सीएम का ताज सजेगा. स्थाननीय निवासी जहां घर पर आकर बधाईयां दे रहे हैं, वहीं रिश्तेदारों का फोन पर बधाई संदेश आ रहा है.

पत्नी भी रही संघ की कार्यकर्ता

डा मोहन यादव के साले विवेकानंद मूल रूप से सुल्तानपुर की सीमा से सटे अंबेडकरनगर जिले के कटेहरी विधानसभा क्षेत्र के तहसील भीटी अंतर्गत कोडड़ा डड़वा गांव के निवासी हैं. उनके पिता ब्रह्मादीन यादव ने मुंबई से शिक्षा-दिक्षा हासिल की और मध्य प्रदेश के रीवां के राजकीय स्कूल में टीचर की नौकरी मिल गई. 1987 में वह प्रधानाध्यापक के पद से रिटायर हुए. ब्रह्मादीन के तीन बेटे और सबसे छोटी एक बेटी है. बड़े बेटे रामानंद यादव इंडियन एयरफोर्स से सेवानिवृत्त होकर जबलपुर में रहते हैं. उसके बाद के सदानंद यादव रीवां में विद्या भारती में काम कर रहे हैं और विवेकानंद सुलतानपुर में सरस्वती विद्या मंदिर शारीरिक शिक्षक (पीजीटी) हैं. यहां वे करीब 23 वर्षों से रह रहे हैं. सबसे छोटी सीमा यादव ने रीवां से 1989 में भूगोल से एमए किया है. एलएलबी, पीएचडी मोहन यादव की तरह उनकी पत्नीे भी शुरू से संघ से जुड़ी रहीं। भाई आदि भी संघ से जुड़े रहे. ऐसे में मध्य प्रदेश में कार्यक्रम के दौरान सबकी भेंट हुई और 1994 में उज्जैन से जाकर परिवार वालों ने उनकी शादी रचाई।

ससुराल वालों को नहीं थी उम्मीद

अगस्त 2023 में भावी सीएम की पत्नीी अपने पिता से मिलने घर आई थीं। सीमा के भाई विवेकानंद बताते हैं कि हम लोगों को उम्मीद ही नहीं थी कि मोहन सीएम होंगे। हम तो ये समझ रहे थे जैसे सरकार में वे उच्च शिक्षा मंत्री थे वैसे फिर कैबिनेट में जाएंगे, लेकिन आज टीवी देखा तो पता चला. उन्होंने कहा कि मोहन बहुत ही सरल विचार और स्वभाव के साथ मिलनसार हैं. हमेशा उन्होंने हमारे परिवार को परिवार समझा. हम सब यही चाहते हैं कि वह सबका विकास करें. वही मोहन के ससुर ब्रह्मादीन कहते हैं कि उनके दामाद एमपी के विकास में योगदान देंंगे.

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