सिसकियों के बीच दम तोड़ती जिंदगियां

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जिंदगियां देने वाला ही मौत बरसाने लगे तो इससे खौफनाक मंजर और कोई हो नहीं सकता। कुछ इसी प्रकार का मंजर उत्तर प्रदेश के गोरखपर के एक सरकारी अस्पताल का है, जहां अब तक 36  मासूमों की जिंदगियां लील ली।

36 से अधिक मासूमों व अन्य मरीजों ने तड़पकर दम तोड़ दिया

गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कालेज में इंसेफ़लाइटिस के मरीजों के लिए बने सौ बेड के आइसीयू सहित दूसरे आइसीयू व वार्डों में देर रात से रुक रुक कर आक्सीजन सप्लाई ठप होने से 36 से अधिक मासूमों व अन्य मरीजों ने तड़पकर दम तोड़ दिया। यह सिलसिला रात 11.30 बजे से शुरू हुआ व सुबह नौ बजे तक जारी रहा। इस बीच अपने मासूमों की लाश को इधर उधर ढोते उनके परिजन इस उम्मीद में भटकते रहे कि शायद अब भी उसमें जान आ जायें।

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अस्‍पताल में लिक्विड ऑक्‍सीजन की आपूर्ति ठप कर दी

तो कुछ मौत की सच्चाई को मान रोते बिलखते रहें। दो दिन के भीतर 36 मासूमों की जान चली गई। सूत्रों के अनुसार मेडिकल कालेज के नेहरु अस्‍पताल में सप्‍लाई करने वाली फर्म का 69 लाख रुपए का भुगतान बकाया था जिसके चलते गुरुवार शाम को फर्म ने अस्‍पताल में लिक्विड ऑक्‍सीजन की आपूर्ति ठप कर दी। गुरुवार से ही मेडिकल कालेज में जम्‍बो सिलेंडरों से गैस की आपूर्ति की जा रही है। बीआरडी मेडिकल कालेज में दो साल पहले लिक्विड आक्‍सीजन का प्‍लांट लगाया गया था। इसके जरिए इंसेफेलाइटिस वार्ड सहित करीब तीन सौ मरीजों को पाइप के जरिए आक्‍सीजन दी जाती है।

डॉक्टर व स्टाफ सन्नाटे में आ गए

यह देख वहां तैनात आपरेटर के होश उड़ गए। उससे जिम्मेदार अधिकारियों को फोन मिलाना शुरू किया लेकिन किसी से जवाब नहीं दिया। इस बीच रात 1.30 बजे तक सप्लाई ठप रही। वार्ड में भर्ती 50 से अधिक मरीज बेहोशी की हालत में थे। उनकी हालत अचानक बिगड़ने लगी। डॉक्टर व स्टाफ सन्नाटे में आ गए। चेहरे पर तनाव था लेकिन रात में कोई जुबान खोलने को तैयार नहीं था।इस बीच रात 1.30 बजे सिलेंडर आक्सीजन से लदी गाड़ी आई और आनन फानन में उसको आक्सीजन से जोड़ा गया। अभी डॉक्टरों ने राहत की सांस ली थी कि सुबह सात बजे दोबारा आक्सीजन खत्म हो गया। कुछ आक्सीजन सिलेंडर का इंतजाम किया गया है लेकिन वह पूरी तरह नाकाफी है।

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